QUOTES ON #INSAN_KE_ALFAZ

#insan_ke_alfaz quotes

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9 AUG 2020 AT 13:44

उन दरखतो के पास तुमने क्यूं जाना छोड़ दिया,
वो बेवफा था माना, पर तुमने क्यूं मुंह मोड़ लिया।
तुम्हारी इश्क़ की ख्वाबगाह था, उसे जिंदा रखना था,
आंधी बनकर तुमने उस बेसहाय को झकझोर दिया।

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3 MAR AT 13:14

होगी बरकतों
की बारिश
रहम मिलेगी
इबादत की
झोली में,
मिलेंगे माफी
अगर कबूल
होगी इबादत
खाने में।

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11 APR 2021 AT 9:08

मजबूर करती है जिम्मेदारीयॉ इंसान को
वरना सुबह से शाम होने में
वक्त बहुत लगता है...!!☹️

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3 SEP 2020 AT 15:18

Chand toh asman mea aaj bhi hea na ,
Par woh chandni raat kaha .
Aj maya hea humne kai insano ko ,
Par aap jaise baat aur kisimea kaha

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28 AUG 2020 AT 10:35

आया था चार साल पहले,
वो छुपे हुनर उभारने वाला।
मेरी तन्हाइयों का ये साथी,
मेरे जज़्बात का रखवाला।

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20 AUG 2021 AT 12:10

हक़ के लिए बुलंद एक आवाज़ है हुसैन।
इस्लाम की मक़बुलियत का राज़ है हुसैन।

यजी़द ए वक्त करे कितने ही ज़ुल्म ओ जब्र,
हर बेकसो मज़लूम के सर के ताज है हुसैन।

ये ग़म नहीं अब झूठे हैं तादाद में कितने?
सच के लिए बुलंद तन्हा आवाज़ है हुसैन।

नमाज़ें अदा की है रू ए ज़मीं पे कितनों ने,
नमाज़ खुद जिस पे करे वो नाज़ है हुसैन।

नाना है जिनका नबियों में नायाबो बेमिसाल
उनका‌‌ हम शबीहो हम अंदाज़ है हुसैन।

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24 JUL 2021 AT 12:17

रह रह कर मेरी क़िस्मत खफा हो जाती है।
कुछ पल में खुशियां भी दफा हो जाती है।

हाल तो ये है मेरी ज़िन्दगी का, कि अब तो
जिस शै से दिल लगे वो बेवफ़ा हो जाती है।

जिस दिए का बुझना हो खुदा को ना मंज़ूर,
तो फिर उसकी मुहाफिज़ हवा हो जाती है।

ज़िन्दगी बाकी रखी है गर खुदा ने उसकी,
तो तूफान में लहरें भी नाखुदा हो जाती है।

बे हिजाबाना होकर देख रही कनखियों से,
ये मेरी कयामत, उनकी अदा हो जाती है।

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27 SEP 2020 AT 21:24

उसका किरदार बड़ा बाज़ारी है।
उसके लहज़े में दिल आजारी है।
हैरत है कि लोग उसपे मरते हैं,
जिस शख्स में सिर्फ अदाकारी है।
उसकी बातें बड़ी ही मीठी हैं,
हर बात में मगर मक्कारी है।
वो कहता कुछ है, करता कुछ
लेकिन वो फिर भी चमत्कारी है।
काम भले सब उसके उल्टे हों,
चाहने वालो ने मगर जान वारी है।
हो ज़मीन पे मसाइल भले ही बुरे,
उसे तारीफ ही सुनने की बीमारी है।
उसे गरीबों की परेशानी से क्या लेना,
उसे अमीरों की निभानी यारी है।


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3 SEP 2021 AT 19:33

यहां हर चेहरे पे एक सवाल है...कमाल है!
सीरत से बेहतर हुस्नो जमाल है...कमाल है!

जिस शख़्स को भुलाने की कर रहा कोशिश ,
उसी का ही हर वक्त ख़्याल है.... कमाल है!

सियासतदां करे तो फिर भी समझ में आता है,
खबर नवीस ही करते बवाल हैं.... कमाल है!

उगते सूरज को ही सलाम करते हो गौर करो,
मुसलसल उरूज़ ओ ज़वाल है... कमाल है!

वो जिनकी शह है बस्ती जलाने वालों पर,
वो जलते घर पे करे मलाल है...कमाल है!

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10 NOV 2020 AT 16:37

तेरे कूचे से निकलकर जब हम गए।
चैन और सुकूं सारे मेरे हमदम गए।

ये किसने पुकारा इतनी शिद्दत से,
चलते हुए कदम फिर से थम गए।

महफ़िल में ज़ोर बस झूठों का था,
जितने सच्चे थे वो आंखे नम गए।

कितना शीरीं लहज़ा उसका देखिए,
जो उसकी महफ़िल गए जम गए।

उसका इश्क़ महज़ मज़ाक ही था,
हम ही पगले थे जो उसमें रम गए।

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