प्यार हो तुम लोग को romantic story देखे हम
दिल टूटे तुम लोग को और relationship advice सुने हम
इंसाफ चाहिये इंसाफ-
"इंसाफ़ मांगते हैं"
चलो फिर बुलंद आवाज़ करते हैं,
हम न्याय के लिए आगाज़ करते हैं,
शहीद हुए जो वीर "पुलवामा" में,
हर "शूरवीर" का "इंसाफ़" माँगते है,
हर "आगाज़" का "अंजाम" मांगते हैं,
खून के बदले खून का "सैलाब" मांगते हैं,
न कोई अब "शान्ति-समझौता" मांगते हैं,
हर सूनी "कोख़" की "जान" मांगते हैं,
हर सिन्दूर का "अरमान" मांगते हैं,
हर बच्चे का हम "ख़्वाब" मांगते हैं,
तोड़ दिए जो कांधे की "हिम्मत",
हर "क़ब्र" में उनकी "लाश" मांगते हैं,
चलो अपने "सरहद" की "पहचान" मांगते हैं,
देश के "गौरव" और "अभिमान" मांगते हैं,
भूल गए जो "कुर्बानियों" को उनके,
हर शख़्स को उनकी याद दिलाते हैं,
चलो फिर "बुलंद आवाज़" करते हैं,
एक दिन अपने "रखवालों" के नाम करते हैं।-
ना सिर्फ उसके शरीर बल्कि उसकी आत्मा खाया है तुमने,
मासूमियत छिन ली उसकी और अपनी हैवनियत को बुझाया है तुमने...
ज़ुबान काट दी तुमने, हड्डियां भी बिखर गई उसकी!
कुछ दिन गुज़रें दर्द में और फिर ज़िंदगी भी सिमट गई उसकी!!
सिर्फ यूपी और हाथरस को ही नहीं बल्कि पूरे देश को जिंदा जलाया है तुमने,
और मासूमियत छीन ली उसकी और अपनी हैवनियत को बुझाया है तुमने....
चंद दिनों का शोर है 'अब इसे पैसे से तोला जाएगा!
कुछ दिन ये दिखावा फिर सिर्फ सियासत पर बोला जाएगा!!
लाश भी नहीं दी परिवार जनों को,एक बार फिर घिनौनेपन को जिताया है तुमने...
और मासूमियत छीन ली उसकी और अपनी हैवनियत को बुझाया है तुमने...
शर्मनाक है ये समाज आज फिर निर्भया,खुशी और ना जाने कितने नामों का जन्म हुआ!
पूरा परिवार तबाह है और मनीषा का बेहद दरिंदगी के साथ जीवन खत्म हुआ!!
क्या इंसानियत ज़िंदा है समाज में और लोगों में आज फिर ये सवाल उठाया है तुमने...
और मासूमियत छीन ली उसकी और अपनी हैवनियत को बुझाया है तुमने....-
इंसानियत है या कहीं खो गई,
मानवता की नैया एक बार फिर डूब गई,
एक लड़की को अकेला देख कर,
तुम्हारी सारी मर्यादा भूल गई,
उसकी आबरू छीनकर तुम दरिंदों हो गए,
इंसानियत रखने वाले तुम्हारे कारण और शर्मिंदा हो गए,
आख़िर क्या मिला तुम्हें, एक साथ पूरे परिवार को उजाड़ कर,
किसी की बहन, किसी की बेटी को इतना तड़पा कर,
तुम्हारे घरवालों की इज़्ज़त भी तो होगी,
तुम्हारी भी तो कोई बहन या बेटी होगी,
आख़िर कब तक चलता रहेगा ये सब,
कभी आंदोलन तो कभी कैंडल मार्च,
आख़िर कब डरेंगे लोग कुछ गलत करने से,
कभी कानून से तो कभी इन्साफ से,
आख़िर कब बनेगा ऐसा कानून जिससे लोग हमेशा तहजीब मे रहेंगे,
आख़िर कब लोग सुरक्षित और खुशहाल रहेंगे ?-
जब लड़के बिना शादी के चाचा बन
सकते हैं तो लड़कियां बिना शादी के
चाची क्यों नहीं बन सकती हमें इंसाफ
चाहिए जनता जवाब मांग रही है.....
🤔🤔🤔🤔🤔-
अपनों पे ज़ुल्म,तो ज़ुल्म हुआ,
हमारे पे ज़ुल्म नहीं दिखता।
सिधे लफ़्ज़ों में कह दो ना ,
सबको इंसाफ नहीं मिलता।
#JusticeforGulnaaz
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हश्र क्या होगा जब रब से सामना होगा।
ये जो इज्ज़त लूटी है तुमने बेटी की।
बेरहम, बुजदिल, बेहया हो गए क्या तुम।
जो चीख सुनी ना तुमने बेटी की।
शर्म से झुक गई है ये आंखे मेरी।
कि बचा ना सके इज्ज़त बेटी की।
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कुछ बेगुनाहों को भी सज़ा मिल जाती है
इस मुनाफिक दुनिया को सच्चाई रास नहीं आती है-
शक्लें बदलती है,
ये सरकार भी अब
चुनाव के समय कहते थे,
लाएंगे बदलाव अब,
सबको मिलेगा न्याय अब,
गरीबों की आवाज नहीं दबने देंगे अब ,
अब कहाँ मिलता है इंसाफ,
इंसाफ सिर्फ सितारों को मिलता है
सितारे सभी नहीं है जनाब, कुछ गरीब है
गरीब की सरकार कहाँ सुनती है
सुनती है तो सिर्फ अमीरों की आवाज
आवाज अमीरों की सुनकर करती है इकट्ठे सबुत
सबूत गरीबों के कर देती है रात के अंधेरे में राख
राख करके सबूतों को
हंसते भी हैं पुलिस और सरकारी गुर्गे एक साथ-