QUOTES ON #INDRAJEET

#indrajeet quotes

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16 APR 2022 AT 18:08

सागर की गहराइयों में कहीं मेरा भाई कुंभ
अधखाई गई मछलियों द्वारा मृत पड़ा होगा:
कल ही मैंने अपने पुत्र को अग्नि दीं
या एक दिवस पहले!
अब तो समय का भी आभास नहीं रहा
मुझे गंगाजल से शुद्ध ना करें
मुझे अंत में प्रारंभ करने दें।....

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30 APR 2020 AT 15:28

Meghnad (Indrajeet)
स्वर्ग विजयी अजय दानव हूँ
शस्त्र-शास्त्र निपुण शुत्रचार्य का शिष्य हुँ
हा मैं वही रावण पुत्र मेघनाद हूँ
त्रिलोगों को जितकर जब अजय बना
तब विश्व ने अतिमहारथी का किताब दिया
हा मैं वही रावण पुत्र मेघनाद हूँ
इंद्र को भी बंदी बनाकर जब लंका लाया
तब भगवान ब्रम्हा ने नाम इंद्रजीत दिया
हा मैं वही रावण पुत्र मेघनाद हूँ
पिता के जिद के लिए भगवान राम से भी लड़ा
मौत को भी देखकर हसते हसते गले लगा लिया
हा मैं वही रावण पुत्र मेघनाद हूँ

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13 APR 2020 AT 11:07

Constipation constipation constipation

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16 APR 2020 AT 22:25

एक योद्धा ऐसा भी था, जिसे ज्ञात थे सारे शास्त्र,
ब्रम्हा को भी प्रसन्न किया, हासिल किया ब्रह्मास्त्र

वानर सेना संहार किया, मेघनाद था उसका नाम,
उसकी मायावी विद्या से, चिंतित भी हुए श्री राम

युद्ध कौशल में निपुण था, चाहे हो गदा या बाण,
द्वंद युद्ध में लक्ष्मण के, बड़े संकट में डाले प्राण

मौत ज्ञात था उससे भी, पर हुआ ना वो भयभीत,
अंतिम विदा कर सुलोचना, मरण चला इंद्रजीत

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इल्ज़ाम लगाना सबसे सरल होता हैं मित्र अतः खरा उतरना अधिकतर लोग उचित नहीं समझते हैं।।

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29 JUL 2021 AT 10:00

If you have to apologize to someone, then ask immediately because it wastes both your time and the relationship.

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30 JUL 2021 AT 8:52

The SOLUTION to any PROBLEM is hidden within you and the CONDITION is that you are ready to ask YOURSELF.

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4 MAY 2021 AT 12:58

मैं थक गया हूं दूसरों को समझाते समझाते अब नासमझ होना है .....
मैं थक गया हूं खुद को सही साबित करते-करते अब गलत होना है......
मैं थक गया हूं रिश्तो को संभालते संभालते अब सब कुछ छोड़ देना है .........
मैं थक गया हूं दूसरों को खास बनाते बनाते अब खुद को खास बनाना है......
मैं थक गया हूं दूसरों की परवाह करते-करते अब बेपरवाह होना है ......
मैं थक गया हूं दूसरों को खोने के डर से अब बेखौफ होना है.........
मैं थक गया हूं रोते रोते अब हंसना है......
मैं थक गया हूं उनको याद करते-करते अब खुद को याद करना है......

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17 AUG 2018 AT 11:57

ना आदि ना अंत है उसका। वो सबका, न इनका उनका।
वही शून्य है, वही इकाई।जिसके भीतर बसा शिवायः।

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।

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