मन कटु वाणी से आहत हो, भीतर तक छलनी हो जाए,
फिर बाद कहे प्रिय वचनों का, रह जाता कोई अर्थ नहीं।
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27 APR 2020 AT 15:15
8 OCT 2020 AT 18:43
ನಾವು ಇನ್ನೊಬ್ಬರ
ಬೆನ್ನಿಗೆ ಹೊಡೆಯಲು ಮಣೆ ಹಾಕಿದರೆ
ಭಗವಂತ ನಮ್ಮ
ಬದುಕ ಕಡಿಯಲು ಅಣಿ ಇಟ್ಟಿರುತ್ತಾನೆ!-
11 SEP 2022 AT 17:15
Because the NATURE of human is the same as the piggy bank thinks that all the MONEY is MINE but only till it BREAKS.!
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11 SEP 2022 AT 16:13
We have nothing PERMANENT in this WORLD. Then why we have vanity of what we have!
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11 SEP 2020 AT 11:18
ये आसमान इतनी भी उच्चि नहीं है
की हम इसे छू न सके...
ये धरती इतनी भी गहरी नहीं है
की हम जा न पाये...
इन सब को बनाने वाले
भगबान भी इतने जिद्दी नहीं है
की हम अपनी बात न कह पाये....
पर एक चीज़ सब से मुश्किल है
इंसान की "ego"
जो सबसे खराब है...-