Abhishek Mishra   ('Parashar')
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Joined 3 April 2020


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12 HOURS AGO

तुमने तो ग़ज़ल है लिख डाला
पी पीकर बिस विष का प्याला
लय इसकी कौन भला समझे?
समझे न कोई भोला भाला

जिस जिस के दिल में चोट लगी
उन सबकी ग़ज़लें रही सगी
कितनी टूटी प्रेमी माला?
समझे न कोई भोला भाला

मुस्काकर तुमने दर्द कहा
के दर्द दर्द सा नहीं रहा
क्यों भला जाइए मधुशाला?
समझे न कोई भोला भाला

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12 HOURS AGO

रंगों की नुमाइश दुनिया की
है ख़ाक वफ़ा इस दुनिया की।
तबियत से बारिश हो ऐसी
सब वफ़ा वफ़ा ही धुल जाए
चेहरे का चेहरा मिट जाए
सच, सच होकर उभरा आए
वो वफ़ा वफ़ा की मूरत है
ये नज़र वजर धोखा खाए
सच खुलने से डर वर लगता
के सांस वांस न उड़ जाए

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12 HOURS AGO

तेरे मेरे नयन अब इक रूप से होने लगे
मुझमें तू और मैं तुझी में जाने क्यों खोने लगे
रात ये तारे गगन के टिमटिमाते हैं सतत
यू लगे के दीपशिख दो एकीकृत होने लगे

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13 HOURS AGO

रंगों की नुमाइश दुनिया की
है ख़ाक वफ़ा इस दुनिया की।
तबियत से बारिश हो ऐसी
सब वफ़ा वफ़ा ही धुल जाए
चेहरे का चेहरा मिट जाए
सच, सच होकर उभरा आए
वो वफ़ा वफ़ा की मूरत है
ये नज़र वजर धोखा खाए
सच खुलने से डर वर लगता
के सांस वांस न उड़ जाए

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13 HOURS AGO

तुमने अनसुना कर दिया मुझे
किसी बहम में शायद
या फिर मैं लायक नहीं
तुमसे बात करने के
सचमुच मैं पहले खुद को
नहीं समझता था उस काबिल
फिर भी अकताकर गलती कर दी
और तुमसे पूछ बैठा
कोई बे मतलब की बात
मेरे अकेले पन ने
मुझे पत्थर बना दिया था
जिससे तुमने जो मौके दिए
उसे न समझ सका
और जो भीड़ तुम्हें मेरे साथ दिखती है
वास्तव में उसमें मेरा कोई नहीं है।

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17 HOURS AGO

हरे हरे खेतों में पत्ते
फिर से उग जाने पर
मन के मीत प्रीत की खातिर
आना होगा तुझको घर
चहिए मुझको हरी चुड़ियां
सावन के आने पर

पैसा पैसा करता रहता
दूर दूर बैठा बस रहता
तेरे मेहनत के पैसे
मैं खर्च करूंगी इधर उधर
हरी चुड़ियां चहिए मुझको
सावन के आने पर

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17 HOURS AGO

Neither love is blind
Nor it too easy find
Go deep into dence
Then you get a chance
Thousands of efforts
Most probably It hurts
Stories are never new
Escapers are very few
Even sometimes get worst
As the magma hit the crust
Get to yourself
For your good wills
Thing you Die for
Be aware love kills

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19 HOURS AGO

A reader first reads the words and then imagines



But the writer moves from imagination to pen, to words

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9 JUL AT 1:40

हंसती हो तो मै खुश रहता
कहती तुम कुछ, मैं कुछ कहता
ऐसे पल फिर न आयेंगे
मुझको तो बस ये भय रहता
कैसे अब जज्बात कहूं मैं
कैसे आगे साथ रहूं मैं
दिल न टूट जाए, ये सहसा
हंसती हो तो मै खुश रहता
उठो आज टूटे हर सपना
गैर हुआ पर लगता अपना
बार बार अहसास दिलाती
बातों बातों में समझती
अपना नहीं बनाती मुझको
बहकी हो तुम मैं भी बहका
हंसती हो तो मै खुश रहता

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9 JUL AT 1:29

Don't judge me I'm damm pure to my fate
and the things I handle. it's my work ethics.

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