नारित्व को झुकने मत देना।।
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है आशावादी, अधिमान तेरा,
उसे निराशा से घिरने मत देना।2
करले तू आमरण व्रत, स्वयं की खोज का।
जिजीविषा की मृत्यु होने मत देना।।
है आशावादी अधिमान *****।
जीवन रूपी तपस्या की तू जलन स्वीकार ले,
बन सूरज चमक आसमान पर खुद को शीतल होने मत देना।।
है आशावादी अधिमान****।
शक्ति का संचार है तुझमें,तू स्वयं में दिव्य है।
ओ प्रियदर्शी, प्रशंसनीय खुद की छाप मिटने मत देना।।
है आशावादी अधिमान ****,
बन प्रियंवदा तू सबके दिल में बसना,
ह्रदय पर अपने बाण शब्दों के कभी तू चुभने मत देना।।
है आशावादी अधिमान *****।
हे माननी, तू जोड़ सबको अपनी प्रीत से,
बस खुद का सम्मान कम होने मत देना।।
है आशावादी अधिमान ***।
हंसगामिनी, मृगनयनी, मनमोहनी, हैं कितने स्वरूप तेरे,
अपने भीतर छुपे अपने प्रतिबिंब को तू कभी मिटने मत देना।।
है आशावादी अधिमान ****
रिश्तों की मर्यादाओं को तू सींचना अपने मातृत्व से ,
किरदार निभा तू सारे बस नारित्व को झुकने मत देना।।2
है आशावादी अधिमान तेरा,
उसे निराशा से घिरने मत देना।।
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