"हरिवंशराय बच्चन जी "......
मैं रोया, तुम इसको कहते हो गाना,
मैं फुट पड़ा, तुम कहते, छंद बनाना;
क्यों कवि कहकर संसार मुझे अपनाए,
मैं दुनिया का हूँ एक नया दीवाना!
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"मधुशाला"
मुसलमान औ' हिन्दू है दो, एक, मगर, उनका प्याला
एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला!।-
इंसान अपनी मोहोब्बत छोड़ सकता है।
पर मोहोब्बत जिंदगी भर उसका पीछा नहीं छोड़ती।।
√नितेश-
धर्मग्रन्थ सब जला चुकी है, जिसके अंतर की ज्वाला,
मंदिर, मसजिद, गिरिजे, सब को तोड़ चुका जो मतवाला,
पंडित, मोमिन, पादिरयों के फंदों को जो काट चुका,
कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला।।
-हरिवन्श राय बच्चन-
ज़रूरत नहीं है तेरे अखबार मे अपनी खबर होने की ।
हम तेरे ख्वाबो मे आने का हुनर रखते हैं ।।
जो हसते थे हमारे गम-ए-उलझनो पर अक्सर।
आज भी महफ़िलो मे हमारे हौसलों की महक रखते हैं।।
कोशिश तो बहुत की है ज़माने ने डुबाने की।
लहरों से आशिकी है कि भवर पलको पर सहेजे रखते हैं।।-
मंदिर में ना जाए बाला
मस्जिद बंध रहे लाला
बुद्धी उसकी है आला
जो बना देश का रखवालावाला
बंध रहेंगी पाठशाला
रोज़ खुलेंगी मधुशाला-
उधर तुम, इधर मैं, खड़ी बीच दुनिया,
हरे राम! कितनी कड़ी बीच दुनिया,
किए पार मैंने सहज ही मरुस्थल,
सहज ही दिए चीर मैदान-जंगल,
मगर माप में चार बीते बमुश्किल,
यही एक मंज़िल मुझे ख़ल रही है।
न तुम सो रही हो, न मैं सो रहा हूँ,
मगर यामिनी बीच में ढल रही है।-
Some beautiful lines
- by हरिवंश राय बच्चन
Manzil mile na mile
Ye toh mukkaddar ki baaat hai
Par hum kosis bhi na kare
Ye toh galat baat hai
Zindagi jakhmon se bhari hai
Waqt ko marham banana sikh lo
Haarna toh hai ek din maut se
Filhaaal zindagi jeena sikh lo..-
jab hamare man ka nhi hota..
tab uske(God) man ka hota hai...
Aur Wo aapke liye sabse Jayda
acha sochta hai...
jitna ki aap soch bhi nhi sakte
Hariwansh ray Bachchan ji-