शहर के शोर में, किस्से वो पान की दुकानों के अब सुनाई नहीं देते
वो दुकानें भी दिख जाती है कभी, मगर यार वो पुराने दिखाई नहीं देते-
6 AUG 2017 AT 1:18
1 AUG 2021 AT 0:19
वो कोई बेगाना आके, अपना बन गया
जिंदगी मे मेरी, खुशियों का संसार बन गया
कहां कोइ गम, शिकवा यारी मे रह गया
कलयुग मे भी यार मेरे , कृष्णा बन गया-
2 AUG 2020 AT 12:05