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ओये राधे😘
है क्या तेरी दिल-ए-ख्वाहिश,
नहीं है मेरे पास कोई चॉइस!
तुझसे ही सिर्फ लाड है लड़ाना,
बाकी सब तो मस्ती का है बहाना!
हो गई सवार तू जो मानस पर,
तो सदा रहें प्रेम हमारा अमर!
बजाता हूं मैं बंसी यूँ याद में तोरी,
आ भी जाओ दिवानी राधे मोरी!!-
तोड़ दे जिस नीड़ का तिनका महबूब खुद ठोकरो से,
ऐसा आशिया उल्फत का, तुम यहां बनाते क्यों हो!!
ऊंची उड़ानों के पंख, काटने का दस्तूर है दुनिया में
तुम दिल की हसरतों को, दुश्मनों को बताते क्यों हो !!
यहां सिर्फ हसरतें ही नहीं टूटती ,दिल भी तोड़ा जाता है,
निष्ठुर इस जहां में,मोहब्बत के पेड़ लगाते क्यों हो !!
जिंदगी गुजरी है जब औरों की राह में फूल बिखराकर,
फिर तुम दिल में,अपने बचे शूल चुभाते क्यों हो!!
रोशन होती है लकीरें, जहां खुद को ही जला कर
तुम वफा के ऐसे चिराग, आखिर जलाते क्यों हो!!-
इंतज़ार किया था मैंने भी,याद किया था गाँव ने भी,
देख कर शहर की चकाचौंध, नज़र अंदाज किया था आपने भी!-
पेशे से जो भी हों हम सब यहां,सबसे सीखने को मिलता है
शायरी लिखने का सलीका,अलग तरीका दिखता है
असल जिंदगी में जिस परिस्थित से उलझ रहे हो
अक्सर उसका हाल भी यहां मिलता है
ना छोटा ना कोई बड़ा है यहां,सब एक समान शायर हैं यहां
खुद की परेशानी से क्यों ना वो घिरे हो,लेकिन एक दूसरे का हौसला तो बढ़ाते हैं यहां
जिसमे जो हुनर है,उसका ज्ञान बांटते और लेते चलो
सीखने सिखाने की कोई उम्र नहीं,सबको अपना गुरु कहते चलो🙏🙏
💐💐Happy Teacher's day💐💐-