आज चांदनी रात है, चांद, सितारे सब हैं संग
अदभुत हैं इनके रंग
इस धरा से दूर, आसमां में खेलते हैं आंख मिचौली
अनोखी है यह पहेली, सुन्दरता के हैं भरपूर भंडार
डूब जाता है इनमें पूरा संसार
खुशियां बिखेरते हैं भरपूर, सिखाते हैं कि मुस्कान होनी चाहिए ज़रूर
आसमां में देख कर एक मुस्कान आ जाती है
मन में एक रौनक सी छा जाती है
ये चांद, ये तारे, सारे के सारे
संग रहना हमें सिखाते हैं, एक अनोखा आनंद है इसमें
उसका मतलब हमें बतलाते हैं
अदभुत है इनका साया, जैसे मां की ममता का छाया
यह साया भी है अनोखा, जैसे शीतल हवा का एक झोंका
यह साया सदैव बनाए रखना
हम सब तो हैं एक मुसाफ़िर यहां
बस हृदय से लगाए रखना।
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