जब दिल में दर्द की नदियाँ बहती हैं
तभी तो तन्हाइयां अपना किस्सा कहती हैं
मेरे दिल के दरीचों को कभी खोला था उसने
दूरियों की दास्ताँ को लिखकर झरोखों को बंद कर दिया मैंने l
-
And, I try to put emotions into words 😇.
//हर एक ले... read more
ना जाने क्यों कभी-कभी कोई अनकहा ख़याल आता है।
जब होती है सुबह तो चाँद छुप-सा जाता है।
जब दिल में दर्द हो तो आँसू आ ही जाता है।
हर ग़म छुपा कर इंसान कहीं खुद को खोता है।
सच कहते हैं,
"मोहब्बत भी उनसे कमाल की होती है,
जिनका मिलना मुक़द्दर में लिखा नहीं होता है।"
-
मन में छिपे बहुत से राज़ होते हैं
कभी कलम से तो कभी आवाज़ से आगाज़ करते हैं
कभी चुप्पी को बयां, तो कभी जंग का ऐलान करते हैं
ज़ाहिर-ए- किस्से भी बेशुमार हैं अब हम नहीं किसी से डरते हैं l
-
बचपन की यादों को अपने दिल में संजोये हैं
बङे हो चले हम कहीं तो खोये हुए हैं
न मंज़र का खौफ न मुकाम हासिल करने का डर था
पापा मम्मी की ऊंगली पकड़ कर चलना
हमें तो बस प्यारा अपना शहर था l-
ये दुनिया वहम से भरी है
आजकल मुलाकात भी नहीं खरी है
बाज़ार में बेफ़ाई के भी पन्ने हैं
कांटे सी चुभती है जुदाई, इसके भी क्या कहने हैंl
-
दर्पण से कभी कुछ नहीं छुप पाता है,
सामने जो आता है, इसके आगे वो चुप सा हो जाता है।
चेहरे के पीछे की मुस्कान को वो आज़माता है,
राज़ के पन्नों को खोल, वो सामने लाता है।
झूठ के परदों से बहुत दूर,
इसमें शामिल है बस सच की एक डोर।
हर सवालों का जवाब कर देता है ये आसान,
सच्चाई को हमेशा करता है बयान।
बनाया इंसान ने है, लेकिन इनायत खुदा की है,
जिसमें नहीं बसती कोई साज़िश या रंजिश।
हर वक़्त, हर ज़रूरत पर बनकर हाफिज़ ये रोकता है हर बंदिश,
ना अपने ऊपर इसको कोई गुमान है,
फ़रिश्ते सा है ये, इससे मिलना सबसे आसान है।
जज़्बातों से दूर, न करता है कोई पक्षपात,
चाहे कोई भी हो, नहीं करता किसी को आघात।
जो जैसा है, उसको वैसा ही दिखलाता है,
ये तो बस आइना कहलाता है।
-
सागर की खामोशी को मैने आजमाया है
कुछ पानी से हैं चंचल ख्वाब जिन्हें मैंने सजाया है
खुदा का है ये करिश्मा बेहतरीन
बेशक, ये कुदरत है खूबसूरती से भरी और रंगीन l-
वो बारिश की बूदें कहती कुछ कहानी है
कुछ रुह से है वाकिफ़, कुछ बेहद अनजानी है l
क्या बयां करे जो सिलसिला था
चेहरे पर थी मुस्कान जब तू मुझे मिला था l-
वो बारिश की बूदें कहती कुछ कहानी है
कुछ रुह से है वाकिफ़, कुछ बेहद अनजानी है l
क्या बयां करे जो सिलसिला था
चेहरे क्या थी मुस्कान जब तू मुझे मिला था l-
एक चमक है रजत सी जो दिल को छू कर जाती है,
वहाँ देखो, आसमान की तरफ़, वहाँ अपना घर बनाती है।
काले साये की खिड़की से रोशनी आती है,
हर रात के बाद एक सुबह है, ऐसा वो बताती है।
खूबसूरत सा चाँद और चमकते सितारों से ही तो है सरवरी,
जैसे सुबह का नाम है सूर्य और कादंबरी।
-