जौ घुण्गरू अभी किसी कौने मैं
बिन आबाज के गिरा हुआ है
वह एक बक्त मैं
बड़े बड़े तजुर्बा किया करते हें...
जौ इन्सान अभी आपनो से
बात तक नही करती
वह एक बक्त था जौ गेरो से
घंटो बात करती थी...
।। बक्त बक्त की बात है वरना
अपनो को अपनी ब्ज़ूद के याद
दिलाने की न्योबत ना आती ।।-
घुंघरू
एक स्त्री मन की व्यथा
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Har kisi ke sapne he
Har kisi ki kahani he
Bss chanak se hi pehchaan lo
Inn ghungaru ki dastaan puraani he-
जिनके पेट की खा़तिर कई बारअपने गीत गिरवी रखे थे
आज वो ही ...
अनचाहे बाज़ार में मेरे पैरों में घुंघरू बांधना चाहते हैं।।-
कुछ इस तरह घुंघरू बजे के
इस दिल में प्यार के सितार बज गया
पता है वो मैखाना है
पर वह तोह एक ऐसी रूह है
जिसने मेरे दिल को कुरेद के रख दिया.
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With the rythm of the ghungroos
And the beat of the music
A dancer can spiritually elevate
and embody with the divine beauty.-
तवायफ की मजबूरियां बिकती हैं,
घुंघरू में धुन नहीं दर्द गूंजता है....-
চেনেহৰ ঘুংগ্ৰু,,,
মৰম ল'বা ।
আশা কৰিছো তোমাৰ ভাল,কিন্তু মোৰ বেয়া
আচলতে চিঠিখন দিয়াত পলম হ'ল।
জনাম জনাম বুলি ভাবি থকা কথাবোৰ
ইমানকৈ জমা লাগিল যে
বদহজমী হৈ যাব এতিয়া
যদি মই কোৱাত আকৌ সময় লগাওঁ..
মৰমৰ শিকলি ভাঙি চিঙি মোহাৰি
বাৰিষাৰ ঢল বোৱাব এতিয়া..
তুমি নিশ্চয় লক্ষ্য কৰিছা
শব্দবোৰ মই তেনেই শিথিল ব্যবহাৰ কৰিছো।
তোমাৰ আকৌ ইমান পঢ়া শুনা নাই যে;
দাঁত ভঙা শব্দকেইটা ব্যবহাৰ কৰিনো কি লাভ
যদি তাত লুকাই থকা মৰম তুমি বিচাৰি নোপোৱা।
নহয় জানো?
যিয়ে যি ভাষা বুজে তাক সেইমতেই ক'ব লাগে..
বচ্ এটায়ে মিনতি;
তুমি যেন মোৰ সংগ নেৰা কাহানিও
মনোমোহা ঝুন-ঝুন ধ্বনিয়ে যাতে
মোৰ আকাশ বতাহ কঁপাই থাকে...
বুজিছা!!
এইখিনিয়ে আৰু..
বুকুৰ উখল-মাখল খিনি দূৰ কৰিলো..
আনে নুবুজিলেও তোমালৈ থকা মোৰ স্নেহ
বুজিবা বুলি আশা ৰাখিলোঁ।
আজিলৈ ইমানেই।
ইতি,
তোমাৰ আজন্ম প্ৰেমিকা..-
समर्पण भाव की सुगंध तो दोनों को ही मिली,
पर पायल को घर और घुंगरू को ज़मीन न मिली
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'छन छन'
पग उठें और बज पड़ेे घुंघरू,
तमाम नजरें थी उसपर उठी,,
इक आशिक था लाखों की भीड़ में,
पलकें जिसकी झुकी रही,,
अदब भरी मुस्कान थी उसकी,
नजाकत की ओट में छिपी हुई।
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