जिसकी फीलिंग्स को दुनिया की सबसे सस्ती चीज़ समझ के पूरी शिद्दत से रौंदा गया हो उससे किसी की फीलिंग्स की कद्र करने की उम्मीद न ही की जाए तो मुनासिब है। क्यूंकि उसके अंदर के एहसास तो कबके मर चुके होते हैं। उसके जिस्म में कोई इंसान रहता ही नहीं है। इंसानियत, मानवता, रहम, हमदर्दी ये सब तो इंसानों को समझ आने वाले झमेले हैं लाशों को भला इन सबसे क्या ग़र्ज होता होगा। हां ज़मीन पे चलता फिरता दिखता ज़रूर है मगर सच में वो मौजूद होता ही नहीं है। बस फ़र्क इतना होता है कि अभी तलक उसे कफ़न पहना के दफनाया नहीं होता है। अब यह तो हम इंसानों का कसूर है न बेचारा मुर्दा ख़ुद तो कफ़न ओढ़ के दफ़न हो नहीं सकता है।
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9 SEP 2021 AT 13:04
27 DEC 2020 AT 16:29
मेरा भी होता नाम 'जात-पात' अगर,
कोई तो लड़ता शिद्दत से मेरे लिए भी...-
16 NOV 2021 AT 14:22
किया हर वादा निभाया ना गया उनसे
खुले दिल दहलीज आया ना गया उनसे
इक जरा सी बात पर हम गैर बन बैठे,
आंसुओं के बोल भाया ना गया उनसे
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अब समझ आया ये सब कहानी है
बोलते हर लोग बस ज़ुबानी हैं।
दिल लगाना सिरफिरी रवानी है
बोलते हर लोग बस ज़ुबानी हैं।।-
12 OCT 2020 AT 14:37
ना रूठने का डर ना मनाने की कोशिश
दिल से उतरे हुए लोग से अब शिकायत कैसी
GULZAAR-
28 AUG 2022 AT 17:43
Ohh don't worry about me
I still have a heart,
Without feelings.. ✨🙃-
10 OCT 2021 AT 21:41
Achhe hote hain hum jaise bure log
Apne siva kisi ka bura nahi sochte...-