बहुत फकीरी देखी जिंदगी में मैनें
लेकिन दुआएं मेरी बहुत अमीर है-
मेरी किस्मत में तुम्हारा साथ था,
पर तुम नहीं थे मेरी किस्मत में....!-
मन लाग्याे मोरे यार... फकीरी में
कोटी मनुष्य है,,कोई नहीं है....भेद दिलों की दूरी में-
ढुंढ लोगे तो हर गलियो मे मिलेगा खूबसुरत रास्ता
खुदा का इश्क है रहनुमा हम जैसे फकिरो का....-
मैंने बेबसी को मुस्कुराते देखा है,
कंकरों से सुकून का घर बनाते देखा है।
भूख में जहाँ अमिरियत एक दुसरे की रोटी है झपटती,
वहाँ बेबसी को अपनी रोटी बाटते देखा है।
मैंने बेबसी को मुस्कुराते देखा है।
जहाँ थोड़ी सी धूप की जलन से चेहरों पे शिकन आजाती है,
वहाँ छालों की चपल पेहन कर किसी को हस्ते देखा है।
जो सोचूं तो, थोड़ा अजीब लगता है,
पर मैंने फकीरी में अमिरियत का अंश देखा है।-
Uljhe na koi hum fakiro se
Mila karte hai hum taqdiro se
Khushbu sa fizayon me mahakte hai
Kabhi chha jaate hai tehriro me-
ख्वाब सजने लगे पलकों पर,मरने से अब डरने लगे हैं..
पहले तो न था जिंदगी से प्यार,अब करने लगे हैं..!-
गर फकिर हो कोई आप सा, जिसका ख़ुदा हों रहनुमा
रास्ते ख़ुद ब ख़ुद ख़ूबसूरत मोड़ मूड जाऐंगे
मंझीले तो मिलती रहेंगी, सफर भी हसीन हो जाएगा।-
फकीरी तो अमीरी से बड़ी होती है जनाब
अमीरी मेरी हैसियत में है
फकीरी नहीं।-
ज़रूर होगे तुम
शेर, बबर शेर अपने आप में
लेकिन मैंने
जीव विज्ञान से जाना
उसे तुम भी जन लो
तुम दरअसल
बिल्ली के खानदान के हो-