मैं उसके इंतजार में बैठा अपनी उँगलियाँ टेबल पे दौड़ा रहा था..
धड़कने नाप भी रही थी और बढ़ा भी रही थी हाथ में बंधी समय की हथकड़ी,
मेरे पिछले जन्मदिन पे उसने ही दी थी वो घड़ी..
दूर से ही देख मुझे उसने अपना हाथ हिलाया,
कान पकड़ पत्थर पिघलाने वाला मासूम चेहरा बनाया,
उसकी सादगी देख मैं सिर हिलाते हुए मुस्कुराया..
अगले ही पल वो मेरे पास में थी, ऊपर से नीचे पूरे भारतीय लिबास में थी...
उसका यूँ सौम्य रूप देख मैं सम्मान में खड़ा रह गया, उसे देखता रहा और वो सामने थी फिर भी उनके सपनों में पड़ा रह गया..
उसने अपना पिंक पर्स टेबल पर पटका और 'हैलो मिस्टर कँहा खो गए' कहते हुए अपने हाथों से मेरे हाथों को झटका..
मेहंदी रचे अपने दोनो हाथ आगे करते हुए उसने दिखाया,
मेहंदी खूबसूरत होने के साथ पवित्र भी होती है उस नजारे ने मुझे सिखाया..
जैसे उसके हाथ कोई फूलों का बागान और लाखों गुलाब खिलें हो, जैसे उसके हाथ चाँद के दो टुकड़े और टिमटिमाते तारों से सिलें हो..
मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया जैसे वो हाथ एक छोटा बच्चा हो, मानो ऐसा लगा मुझे कि दुनिया का हर रंग झूठा बस मेहंदी का वो रंग सच्चा हो..
आज भी मेरे जहन में वो रंग उतना ही गहरा है, उसके हाथों से निकल गई लेकिन मेरे दिल पे आज भी उसका पहरा है...-
23 MAY 2020 AT 20:24
18 APR 2018 AT 12:22
Height.!!.Does it really matter?
No ...it doesn't
If it really did ..Tiger would not be the national animal..a Girrafe would have been..-
13 MAR 2020 AT 16:46
इतनी लताफ़त से आया ना करो रुबरू,
क्या इल्म नहीं है मैं शरीफों में रहती हूँ।-
16 MAY 2018 AT 18:34
Carry your elegance,
In every move and breath.
For, there are poems inside you
which paper cannot handle.
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18 MAR 2018 AT 21:05
Ki itni nazakat se nazre milayi aapne
Mohabbat ho gyi, beintaah beintaah
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