कमाल हो गया जी कमाल हो गया
कुर्ता फाड़ के पप्पू,मालामाल हो गया
सच-ओ-झूठ में सच निढाल हो गया
खुश बहुत झूठ का बिकवाल हो गया
ऐंठ में अपनी बैठा है स्वर्ण बहुल
जात ही इस देश का काल हो गया
गुलामी मुगल की 'वीर' भुगत तो गया
पाँच बरस में भक्त तंगहाल हो गया
जनेऊ छाप मोलाना ले गया सब वोट
जीवित फिर से मरता चंडाल हो गया
जय जय कारे देश के लगाना न तुम
बिकता देख माँ को खुश लाल हो गया
आपस में तुम लड़ते सब मरते रहे
देश सोने की चिड़िया, बेहाल हो गया
राम मंदिर मांगता, चिल्लाता बहुत
आया जब वक्त, उल्टी चाल हो गया
कहता है देखो दिखा दी औकात
सर फोड़ के अपना जब लाल हो गया
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