इस डर से भी नजरें नहीं उठती तुझपर....
तुझे गर देख लिया तो देखता रह जाऊंगा...-
दिल है जैसे कंकड़-पत्थर
वादा किया था उसने मिलेगा इसी जगह...
सो उम्मीद में इसी की हम भी लौट आए हैं...-
लौट-के गर वापस आ जाएं
याद करूं जो मैं, बीते दिन
तीन ही चीजें याद आती है
अम्मी, बचपन, और जनमदिन-
मेरे मुंतज़िर तुम गर हो तो...
मेरी जानिब थोड़ा बढ़ा करो!
मुझे जानना है करीब से?
तो फिर तुम मुझको पढ़ा करो...-
जो सबसे ज़्यादा करीम है, जो अर-राहे-मर-रहीम है
हर दर्द की दवा है जो, एक मेरा वाहिद 'ख़ुदा' है वो-
परेशानियां मिरी जब गिनाते है, कई लोग
तब जाके कहीं हाल, मेरा पूछता है वो!-
बग़ैर मंज़िल के चलते जाना
बे वजह ही मुस्कुराना
दिल के अंदर गुबार रखकर
मुँह से लेकिन न कुछ बताना
उदासी कहतें हैं गर इसी को
तो फिर हाँ जांना.... उदास हूँ मैं
उदास होकर भी हंसते रहना
हाल-ए-दिल न किसी से कहना
अपने सबसे दिल-अज़ी को खोकर
बस उसकी यादों में रोते रहना
उदासी होती है चीज़ ऐसी
तो फिर हाँ जाना.....उदास हूँ मैं
रखें अव्वल जो ज़िम्मेदारी
काम समझें जो चीज़ प्यारी
अच्छे मौसम न भायें जिनको
प्यारी बातें न आएं जिनको
उदास होतें हैं लोग ऐसे
तो फिर हाँ जाना....उदास हूँ मैं
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मैं बचपन मे पूछा करता था के ज़न्नत कैसी होती है
सब लोग यही कहते थे बिल्कुल माँ के जैसी होती है-
न खेला खेल बचपन में, न बिगड़ा मैं जवानी में
बहुत दिन जी लिए मैंने, ज़रा सी ज़िंदगानी में-
Few days before...The days were so hard for me....
For now...It's relaxing....My mother is recovering....
But...No....I am not here to tell you all about that...
I just want to share something....
My mom was suffering....That night.....All my dear ones were worried....I was just taking care of her...And what she said is k "Beta...Khana kha k so ja....Din bhar se thak gya hoga"
I was only holding my tears back there....🙂
Indeed....mother's love is unconditional ❤️
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