एक नंबर की नखरेबाज हैं नजरें मेरी!!
महादेव के सिवा किसी को देखना ही नहीं चाहती !!
भोले बाबा 🙏-
रूठे थे, सपने कहीं खो गए,
अनजान रास्ते बिछड़ कर कहीं हो गए।।
सदियां बीत गई, एक जमाने को,
रास ना आई, ए जिंदगी किसी बहाने को।।
फिर भी हम कहते हैं,
रूठे थे, सपने कहीं खो गए।।
मुश्किल से मिला था, एक किनारा,
अनजान रास्तों को जोड़ने के लिए,
जब रूठे थे, रास्ते किसी को मिलाने के लिए।।
फिर भी हम कहते हैं,
रूठे थे, सपने कहीं खो गए।।
बेशक हम, अपनी जिंदगी में खुशी का इजहार करते हैं,
रोते हुए, सपने को भी जीने का अधिकार दिलाते हैं।।
किसी हद तक भी चले जाते हैं,
किसी को अपना बनाने के लिए,
अरे यह ख्वाब है, या हकीकत जो पन्नों से शुरू होकर ख्वाबों में खत्म हो जाता है।।
और फिर भी हम कहते हैं,
रूठे थे, सपने कहीं खो गए।।
आओ बिछड़े हुए, अनजान रास्तों को एक किनारे पर ले जाएं,
सही रास्ता सही आकार दिखाएं।।
लो एक रास्ता एक जिंदगी फिर इजहार करके आई,
किसी को मिलाने में, जिंदगी और सदियां साथ रंग लाई।।
बस फिर भी हम कहते हैं,
रूठे थे, सपने कहीं खो गए।।
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"नज़रों के सामने चल रही हो चाहे कोई भी बात
पर इस मन में केवल आप बसे हो भोलेनाथ"-
मेरे आधार भी शिव मेरे प्राण भी शिव
मेरे कण कण में शिव मेरे मार्गदर्शक भी शिव
मेरी नइया भी शिव मेरे खेवैया भी शिव
शिव जी के बारे में जीतना लिखूं उतना ही कम
शब्द भी कम और जिंदगी भी कम
शिव ही मेरे जीवन का आधार
!!!हर हर महादेव!!!-
एक नंबर की वफादार हैं रुह मेरी
महादेव के सिवा किसी को अपना मानना नहीं चाहती-
किताब खोलते ही पन्नो की जो खुशबू आती है
क्या कहिए जब साथ चाय भी रंगत जमाती है-
हर पल निश्छल हूँ वो शिव का आर्शीवाद है
मौन रहकर बाते करना मेरे जीवन का यही संवाद है।-