20×20 का घर,
10×10 का कमरा,
2×2 का दिल,
और उसमे एक छोटा सा सपना!
बड़े शहर की बड़ी भीड़ में,
सुकून का एक सपना!
छोटे पेट की बड़ी भूख में,
संतुष्टि का एक सपना!
जो ना देखे दुनियादारी,
ना बेबसी, ना लाचारी,
ना जी-हुज़ूरी, ना मजबूरी,
वो दिल खोलकर...
ज़िंदगी जीने का एक सपना!
कोई टोक ले, कोई रोक ले,
चाहे लगा दे कितनी भी तोहमतें,
पर अश्क से उठेगा,
रश्क़ मिटाने वाला एक सपना!
20×20 का घर,
10×10 का कमरा,
2×2 का दिल,
जरूर समाऊंगी इसमें,
मेरा छोटा से ये एक सपना!
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