Kab aas ho tm kb sath ho tm
Hr baat m jhut hr jhut m tm
Kis baat ka gussa anjan ho tm
Hr baat p pyaar kya ehsaas ho tm
Bs zindgui h rab ki hr saas ho tm
Hr saas h adhuri jb sath na tm-
किरदार हमें बनाकर कहानी ही बदल डाली,
हक़ीक़त में तुमने क्या गज़ब की कहानी बना डाली।-
तुम्हारे एहसास का
कुछ यूं विश्वास करूं,
तुम सामने जो अा गये
तो हर वो लफ्ज इस्तेमाल करूं,
ख़्वाब के हक़ीकत होने का
तब विश्वास करूं,
जब सपने में इतने क़रीब हो दिल के
तो जब वजूद में होगे
तो कुछ यूं इजहार-एे-हालात करूं,
तुम जब जबाव बनकर आओगे
तो फिर कुछ यूं सवाल करूं.....-
कभी ख़्वाब से उतरकर सामने तो आओ,
हम हाल-ए-एहसास बयां कर पायेंगे,
तुम चुपचाप मुझे देखना
और हम
आँखों से हर बात कह जायेंगे...-
जिंदगी की बात नहीं है
मौत का एहसास नहीं है
बस तुम हो ,मैं हूं
और ख़्वाबों के अल्फाज़ वही है....
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ना तुम रूठो ना ही मैं मनाऊ
ना तुम ऐतराज करो ना ही मैं अलविदा कह जाऊ
आओ हम-तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ प्यार करे
और इस प्यार में तुम हीर और मैं राँझा बन जाऊ !!-
Mai gila karu?
Toh kis sa karu
Mai sada du
Toh kis ko du
Mai intizaar karu
Toh kis ka karu
Mai dua karu
Toh kya maangu
Mai iltija karu
Toh kis ka khitar
Mai fir sa jiyu
Toh kis k liye?
Ki abke dard sehne kii
Ujaloo'n mai rehne kii
Himmat nhi mujh mai-
वो मेरे हो जाये ये मेरी दुअा में शामिल था हीं नहीं
उनका मेरी ज़िंदगी में आना हीं काफी है मेरे लिये...
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जब से मैंने लिखना शुरू किया है
मेरे दोस्तों के सवालों का सिलसिला शुरू हुआ है
कहते हैं कोई काल्पनिक व्यक्ति नहीं है
इसे तो सच्चा इश्क हो गया है
मैंने भी उनसे तब कह दिया
ख़्वाबों से मुझे इश्क हो गया
तुमलोग अब मानो या न मानो
पर उसकी वजह से
मेरी कविता को एक एहसास सा मिल गया....
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बातें क्या करें तुम्हारी
मेरे सलीके में तुम हो
हम जो ख़्वाब लिखते हैं
उसकी शैली भी तुम हो...
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