ढूंढता रहा इश्क को मैं
दिल की गहराई में
कमबख्त मिला तो सही
पर दर्द में तनहाई में-
भर कर एक चुटकी सिंदूर की मांग में
वो ले गया घर की रौनक घर वालों के ही सामने-
मेरे अल्फ़ाज़ को पढ़कर वो
कुछ ऐंसे खामोश हुआ
लगता है जैंसे मेरी मौत
की खबर से अभी वाकिफ़ हुआ-
न जाने किस गुनाह की सजा दे दी
उसे लिखकर किसी ओर के नसीब में
मेरे खुदा ने ही मुझे मौत दे दी
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उसके बताए रास्ते पर अंजान बनकर बैठ गयी
बेवफ़ा था जो कमबख्त उसी के सामने
मैं वफ़ा की किताब खोलकर बैठ गयी-
Duaa karo,chal ghar chalein, thodi jagah,citthi and Arijit Singh's all songs....💓
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भरी थी जेब तब गैर भी रोक रोक कर हाल
पूछते थे जो उजड़ गया पैसों का महल तो
अपने भी अब मौत की तारीख़ पूछते हैं-
जो आँसू मेरी आंखों में हों
उनकी वजह तू बने
इससे बड़ी सजा क्या होगी
मोहब्बत में एक आशिक़ के लिए-
अब समझ आने लगा मुझे
लड़कियाँ बड़ी होकर क्यों
गुड़ियों से नहीं खेलती क्योंकि
जब वो बड़ी होती हैं तो लोग
उनकी जिंदगी से खेलने लगते हैं-