QUOTES ON #DHOKHA

#dhokha quotes

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29 MAR 2020 AT 11:11

Log kehte hai khun ke riste se Dil ke riste jyada karib hota hai
Lekin unhe nehi pata ye Dil ke riste hi hote hai kabhi kabhi aise mod pe lake khade kar dete hai..
Tumhare liye wo sabkuch ban jate hai lekin tume Dhoka deneme unko jarasa bhi time nahi lagta..
Insan ko pehchane me jarasa bhi time nahi lagta per kabhi kabhi hamara Dil bhi Dhoka kha jati hai pehchane me..
Dhoka khane ke badd na insan tut ta hai na bikhar ta hai bas jeete ji mar hi jata hai..
Ye Dil ke riste bhi bade najuk hota hai janab
Nehi nibhane ho to riste mat banao,
Na Jane kitne riste khatam ho jata hai app ki time pass ke chakkar me..!!!
🙏🙏🙏

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28 MAY 2020 AT 10:41

हम अकेली ही खुश थे हमारे ज़िन्दगी में
तुम्हारे आने से ज़िन्दगी
नरकसी बन गयी है
अभी नहीं होता है सहना
मुझे बहुत कुछ है कहना
उनको कुछ फरक न पड़ना
दोस्तों कभी प्यार न करना ...

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एक रात
बदनाम उन गलियों से गुज़र रहे थे।
जहाँ लोग कलियों के भीड़ में,
रातें रंगीन कर रहे थे।
जिस्मों के उस भीड़ में भी,
हम बेचैन हो रहे थे।
ताज्जुब क्या करते हो,
हम अपनी ही मोहब्बत को
मुजरा करते देख रहे थे।
तस्सवुर नही वो हक़ीक़त थी उनकी,
भरी बाजार में बिकती है कैसे ये मोहब्बत,
आब-ए-तल्ख़ की चुस्कियों में,
छुप-छुपकर हम देख रहे थे।
अनगिनत लोगों का मजमा था वहाँ,
जो मेरी मोहब्बत पर दिल फेंक रहे थें।

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जो सबकी मदद करते हैं,
खुद बेबसी को झेलते हैं।

जो सबको हँसाते हैं,
छुपकर अकेले में बहुत रोते हैं।

जो सबको छलते हैं,
वो अपने बाप के भी नही होते हैं।

और आखिरी,

जो सबके बेस्टफ़्रेंड होते हैं,
वो किसी के फ्रेंड तक नही होते हैं।

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एकदिन ये हादसा सरेआम हो जाएंगे,
जिसदिन बस,हम एक नाम रह जाएंगे।
ना कहने के लिए हम होंगे,
ना सुनने मेरी तुम आओगे।

धधकती रहेगी कबतक ये आग,
एकदिन जलकर राख हो जाएंगे।
सपने,हक़ीक़त,मोहब्बत,शराफ़त,
ये वहीं है,जो हमें गुमनाम कर जाएंगे।

बस एक अफसोस रह जायेगी तुम्हे,
जो हक़ीक़त में बदल न पाओगे।
याद आएंगे जब कभी,आब-ए-तल्ख से
उन यादों की प्यास बुझाओगे।

आज छोड़ गए तूम मुझे जहाँ अकेले,
एकदिन तड़पता हुआ तुम भी आओगे।
अर्श से फर्श पर आकर ख़ाक हो रहे होगे जिसदिन,
ज़िस्म तो ना होगा लेकिन मेरी रूह को हँसता पाओगे।

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4 DEC 2019 AT 14:05

Umeed naa kr kisi se bhi is dunya me humdardi ki... Bade pyaar se zakhm dete hai siddat se chahane wale log!!!

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हमें छोड़ जाने से पहले संभल जाइएगा,
रहते थे जिस दिल मे हमें लौटा जाइएगा।
सपनों के जिस शहर में है तेरा ठिकाना,
उस शहर से अजनबी हमें कर जाइएगा।

किनारों पर खड़े है,खड़े ही रह जाएंगे,
हाथों में है जो रेत,यूँ ही फ़िसल जाएगा।
आँखों से बहने लगे हैं समंदर का दरिया
मेरी जलपरी बन डुबकी लगा जाइएगा।

ख्वाबों तक ही रहने दें मोहब्बत की बातें,
आँख खुलने से पहले चले जाइएगा।
हम तड़पते रह जाए न यादों में तेरी,
इस मोहब्बत का भरम तोड़ जाइएगा।

मुख़ातिब हो जाए गर ज़िन्दगी में कभी,
नज़रो से गुज़रकर मुख मोड़ जाइएगा।
दिल के व्यपार में,ज़ख्म मिलने लगे जब,
गैरों के दिल का मरहम बन जाइएगा।

थक गए हैं हम अब मोहब्बत करके,
फिर से दर्द का उसूल न समझाइयेगा।
हो सके तो,नासमझ बन जाइएगा,और
इस दिल मे वापस ना फिर आइएगा।

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लिखा है जो लकीरों में,
मोहब्बत के खुदा जाने।
गुज़र गयी दहलीज़ से,
और गैरों से वफ़ा मांगे।
सीसे के महल में रहकर,
एक पत्थर की दीवानी बनी।
निहारती रही खुद को आईने में,
और अपनी सूरत को न पहचाने।

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22 JUL 2020 AT 11:56

फिलहाल तो मै यूं चल दिया मंज़िल को पाने
मंज़रो ने आवाज़ लगायी रूको तो सही
वो आया है मेरे पास उसकी याद दिलाने ।

यादे ताज़ा हो गयी थी मेरी
फिर चल दिया उन मंज़रो पर मंज़िल को पाने ।

वो आये थे उन मंज़रो पर किसी ओर के साथ
मेरी मंज़िल लगी थी डगमगाने ।

वो मुझै देखते-देखते किसी ओर के साथ चले गये
ओर मैं रास्तो की तरह देखता रह गया ।

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ये रात जो आयी है,
दर्द की सौग़ात ले आयी है।
मेरे जख्मों को कुरेदकर
पूरा इतिहास उठा लायी है।
तारीखों में सिमटे उस दर्द के सहारे,
वो मनहूस चेहरा याद फिर आयी है।
खुद हमने संभाल लिया है,
धोखे और उनके लालच को पहचान लिया है।।
अये दिल जाकर कह दो उन से ,
जो तारीखों के जरिये आज दखल देने आई है।

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