QUOTES ON #CPI

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25 AUG 2020 AT 1:15

र्माक्सवाद वनाम स्तालिनवाद
कोईं कुत्ता या गीदड़ अपने आपको शेर कहे व सभी जनमानस विना सोचे,समझे,देखे,विश्लेष्ण किये उस कुत्ते या गीदङ को न केवल शेर कहनें व माननें लगे बल्कि यह कहनें लगे कि यह शेर ,गीदड़ या कुत्ते की तरह काम करता है,इसलिये यह फेल है।किन्तु इसके बाद भी इतना कुढ़मगज येहैं कि उसे कुत्ते या गीदड़ कहनें में इनकी स्थितिभयावह हो उठती है।फिर दोष उस कुत्ते या गीदड़ का तो हुवा ही नहीं, दोष तो उस कुत्ते या गीदड़ को शेर समझनें वाले की है।ठिक उसी प्रकार एक देश में समाजवाद कायम हो ही नहीं सकता, हाँ एक देश में सर्वहारा वर्ग की तानाशाही कायमअवश्य हो सकती है,जिसकाकार्यभार होगा एक-एक कर प्रत्येक देश में सर्वहारा वर्ग की तानाशाही कायम करना।किन्तु शर्त हैकि सर्वहारावर्ग की तानाशाही में ही ब्यक्तीगत संपत्ती काअस्तित्व समाप्त हो जाता है। रुश में1917से1921के मध्य व्यक्तीगत संपत्ती का अधिकार नहीं था।किन्तु सन1921में लेनिन को गोली लगनें के बाद स्तलिन के नेतृत्व मेंनई आर्थिक निति लाई गयी,जिसकेतहत ब्यक्तीगत संपत्ती रखनें का अधिकार दिया गया।अर्थात स्तलिन के नेतृत्व में सर्वहारा वर्ग की तानाशाही को राज इजारेदार पुंजीवाद में बदल दिया गया।अबस्तालिन को ही र्माक्सवाद प्रचारित किया गया।औरअब स्तालिनवाद के दलाली में र्माक्सवाद को ये बुद्वीबेचुवा वर्ग फेल कहकर इतरा रहा है।अब इसमें दोष किसका?

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जहाँ कम्युनिस्ट वहाँ के मध्यम वर्ग को डर वजह ..

" लोकतंत्र नही है? जनतंत्र भी नही है ? यह मूलतः पूंजीवाद व्यवस्था है जिसमें गोरी चमड़ी को हटा के कुछ सीमित भारतीय के हाथों में गिरबी है। ,,

70 साल के कचरे को साफ करने के लिए हर चुनाव में एक नये चेहरे का लाना भी मजबूरी है।हमारी पूरी व्यवस्था पूंजीवाद के जकड़न में है ,कोई भी चुनाव जीतना कहानी का अंत नही है ये तो वह शुरुआत है जब कोई सामान्य नेता मुख्यमंत्री के कुर्सी पर काबिज होता है। वो जनता के हितों ,अधिकारों छात्रों के बातों को प्रमुखता से तरजीह देता हो। ये सभी हमारी पूंजीवादी व्यवस्था को शोभा नही देते।वो लगातार जनता के मुद्धे को नजरअंदाज करती है।किसी भी सरकार की पहली प्राथमिकता ये होती है कि बहुमत /सहयोगी पार्टी को साथ रखना।उनकी लूट खसोट पर चुप्पी साधे हुए रहना।

हमें ज़रूरत है ऐसे लोगों की जो अपनी लोकप्रयिता खोने को तैयार हों. जो स्वयं को ख़तरों में डालने को तैयार हों. जो सच बोलने को तैयार हों.

करने को बहुत कुछ सामने है. और जीतने को दुनिया पड़ी है. बशर्ते सच्चाई से पढ़े ,एक बहुसंख्यक आबादी के खिलाफ जो अनर्गल गूढ़ रहस्यों की अपनी इबादत है। हमारी सोच पार्टी के प्रति नकारात्मक हो सकती है लेकिन यदि कोई लगातार देश मे नकारात्मक विचारों को हवा दे,इस आजाद देश में आजादी के नारों को सरोकारों ,आर /पार जैसे बयानों की होड़ है , सच सुनना किसे है ??

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1 MAY 2019 AT 14:07

ప్రపంచంలో ఉన్న ప్రతీ మనిషి సగటు జీవితం లేబర్ మీద ఆధారపడి ఉంటుంది.ఆధునిక కట్టడాలకైనా,నాగరికతకైనా ఒక రోజువారి పనులకైనా అది లేబర్ వల్లే సాధ్యం అవుతుంది.ఒక్కటి గుర్తుపెట్టుకో నువ్వు లేకపోతే labour కి ఏమీ నష్టం లేదు కానీ ఒక లేబర్ వాడు లేకపోతే నువ్వు లేవు.

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2 MAY 2023 AT 0:07

ఎర్రజెండా(Communist )
ఎం మర్చిపోయావా వీరుడా
నీకు నీలోని విరత్వంని గుర్తు చేసిన ఎగురుతున్న జెండాను, హక్కులంటే ని హక్కు అని గుర్తు చేసిన వీర వనితను నేను, కులం, మతం, పేద, ధనిక అన్నిటిని కలిపినా బంధాన్ని నేను. ఇప్పుడేదో కార్యకర్తలవసరంలేని నమ్మకాన్ని నేను , ఎర్ర జెండాను నేను ని హక్కుల, బానిసత్వలపై పోరాడే ఏకైక రంగును నేను, ఎన్ని అధికారాలున్న, ఏ డబ్బుకు లొంగని ఆశయం నాది, చేసిన శ్రమకి సరైన న్యాయం కోసం అని ముందడుగేసాను, ఎన్నో చర్చలకు, ప్రశ్నలకు,సమాధానం నేను, మరెన్నో పోరాటాలకు , హక్కులకు స్ఫూర్తిని గమ్యాన్ని నేను. అధికారం అవసరం లేని ఆలోచనను నేను అందరి హక్కులకోసం పోరాడే బ్రతుకును నేను, ఏ పార్టీలతో సంబంధం లేని ప్రతి పౌరుని అవసరాన్ని, హక్కును, ధైర్యాన్ని నమ్మకాన్ని, పాటను, పదాన్ని, కళను, కథను చరితను నేను

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