AMARNATH DWIVEDI   (AMAR NATH DWIVEDI)
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Joined 21 July 2020


Joined 21 July 2020
31 DEC 2020 AT 9:07

क्राइस्ट वर्ष 2021 के अवसान व नव क्राइस्ट वर्ष 2022 के पूर्व संध्या पर एक संदेश:
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तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतलाकर.
पाते हैं जग से प्रशस्ति अपना जलवा दिखलाकर।
हीन मूल की ओर देख ,जग गलत कहे या ठीक,
वीर खींचकर ही रहते हैं इतिहासों में लीक।।

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29 DEC 2020 AT 18:07

समयसूचक AMऔरPMका उद्गम स्थल भारत ही था।पर हमें बचपन से यह रटवाया गया,विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AMऔरPM का मतलब होता है:
AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)
एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।
हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।कैसे?देखिये...
AM=आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
PM=पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya--सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है,उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।आरोहणम् मार्तण्डस्यArohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)।
बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।
॥पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को मुगालता हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।जबकी सूर्य जिस प्रकार पूर्व में ही उदित होता उसी प्रकार ज्ञान का प्राकृतिक उद्‌भव पूर्व में ही होता है जिसका प्रसार पश्चिम में होता है।।

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4 NOV 2020 AT 20:06

# महामूर्ख चोर, भ्रष्ट - कब तक भागेगा । दो बार ऑन पेपर भाग चूका पिछले 15 दिन में ॥ बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी। #
#जेल तो इस महामूर्ख की अब नियति बन ही चूक्री है l झूठा आरोप सृजन करना प्रमाणीत - होनें के बाद भी इस महा बेशर्म को शर्म नहीं। शर्म आये भी तो कैसे? इसकी रक्त वाहिकाओं में वेशर्मी व कुकर्म तथा भ्रष्टाचार की सम्मीलित कणिकाये जो भ्रूणावस्था से रोपीत है #

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27 OCT 2020 AT 22:30

#झूठों के हैं लाख बहानें-सच्चाई की है मात्र एक ही डगर #

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26 OCT 2020 AT 20:05

# आज हर तरफ चोरों, भ्रष्टों का ही बोलबाला है l
मजे की बात है वही असत्य पर सत्य की गाथा
ज्यादा लिख रहे है॥
किन्तु यही अभिव्यक्ति उन्हें शिशुपाल बध की
तरह , उनकी बध का समय और करीव ला रहा ॥

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25 OCT 2020 AT 15:56

# असत्य कितना भी उङ ले, सत्यता के कदमों के तले उसे आना ही पड़ता है।

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24 OCT 2020 AT 22:52

# बदलाव कैसे संभव #
गलत क्या है, इसे जाननें से कोई फर्क नहीं पड़ता।
गलत को सही करनें से फर्क पड़ता है ॥

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23 OCT 2020 AT 15:59

# आज पुनः एक बार और प्रमाणीत कि महामुर्खाचार्य व उसके दलाल - जिन आरोपों को अपना तुरूप का पत्ता समझ रहे थे, तास के पत्ते की तरह आज पुनः भरभरा कर गिर गया। यहाँ आज मुँह की पुनः खाये। चोरों व बदमासों का मुँह काला तो पुनः हो गया। किन्तु वेशर्मो को शर्म कहाँ #

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22 OCT 2020 AT 20:34

# बध वनाम हत्या #
वध - अपराधीयों का बध होता है।
हत्या - अपराधी द्वारा निरपराध की हत्या होती है ॥

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21 OCT 2020 AT 22:19

# झूठों व मक्कारों की नियति तय है। बस वक्त शिशुपाल बध की तरह प्रतिक्षा कर रहा #

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