वसुंधरा में मगन होकर, अन्न उगाने वाला वो किसान है
जान लगा,,दुश्मनों से देश को बचाने वाले वो जवान हैं
फैल रही है,, विश्वभर में भारत की, विविधता की खुश्बू
पिरोता है,जो हमको एक सूत्र में,,,वो हमारा संविधान है-
हर रंग ख़ुद में समेटे, जो बेखौफ़ लड़ा है,
जाति और धर्म के दायरे से जो आगे बढ़ा है,
नैतिक, निष्पक्ष, तर्कसंगत संविधान ही है वो,
जो अपनी चिता पर भी आज सहज खड़ा है।-
Thoughts about Ambedkar ji in 2 lines
"जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं , लोगों को गुलाम बनाए रखने का कारस्थान है , धर्म के लिए मनुष्य नहीं तो मनुष्य के लिए धर्म बना है ।
Collab In Any Language-
अगर इस सर-ज़मीं को मेरे लहू की दरकार है,
तो सुन हुकूमत,हम क़तरे-क़तरे को तैयार हैं !!
اگر اس سرزمین کو میرے لہو کی درکار ہے..
تو سن حکومت,ہم قطرے قطرے کو تیار ہیں !!-
संविधान हो तो ऐसा हो जिसमें हिम्मत, एकता , बलिदान और स्वाभिमान की छाप हो ,
अँधेरी काली रात से डटकर , सूरज की किरण हो ,
विश्व से तरह तरह की मिट्टी मे आज़ादी, समानता, भ्रातृत्व,मौलिक अधिकार जैसे फूल खीले हो,
ऐसा संविधान जो जीवित दस्तावेज हो ,
ऐसा संविधान जो विश्व मे बेहतरीन संविधान हो ,
ऐसा ही हैं हमारे भारत देश का संविधान जो १३० करोड़ देशवासियों का गौरव है ।-
हर फूल को शामिल कर के वह बाग़बान बना है,
बाबा साहब के तामीरों से यह हिन्दुस्तान बना है !!
ہر پھول کو شامل کر کے وہ باغبان بنا ہے..
بابا صاحب کے تعمیروں سے یہ ہندستان بنا ہے !!-
जो यह माने बैठे हैं के, इन मुट्ठी भर से क्या होगा,
तो सुनो,जो मतवाले हैं वही वतन पर फ़िदा होगा !!
جو یہ مانے بیٹھے ہیں کہ مٹھی بھر سے کیا ہوگا..
تو سنو, جو متوالے ہیں وہی وطن پر فدا ہوگا !!-
कहाँ तक रोक पाएगी हुकूमत इस मुखालिफत की हवा को,
कि कोई भी तकसीम कर सकेगा मज़हब के नाम पे वतन को।
-