#shikwa
न मौत से है शिकवा, न गिला अपनी क़ुरबत से है।
जो तू है हर कहीं, फिर हर कब्र सूनी क्यूँ है?
तू तो सब को तराशता है बड़ी बारीकी से,
फिर हर कहीं, हर किसी में, कोई कमी सी क्यूँ है?
#jawabeshikwa
ज़िन्दगी भर की मोहलत में तू मतीन रहा,
गुनाहगार मैं और ग़मगीन तू रहा,
कब्र में भी दी है सब को एक दुनिया,
फिर भी पूछते है दुनिया सूनी क्यूँ है..!
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