Tut kar bikhrna fir sanwrna..Naam hai zindagi
Jo chala gaya bhitar se vo dusro ne diya tha
Jo baki hai tum me.. makaam hai zindagi
Jo khamosh rahe to paheli hai gar ro diye to dusro ke liye.. tamasha sareaam hai zindagi
Jis dar per jaoge thak ker Laut aaoge khud per yakin Raha tabhi..Aaram hai zindagi 🤍-
मैं सफर हूँ तुम्हे ठहरने की मनाही है🍁
बेपरवाह सीअपनी ज़मीं
अपना आसमां ढूंढ़ती हूं मै
बुनती हूं कुछ सपने
उनको ही जीती रहती हूं मैं
ना बीते कल का ग़म
ना आने वाले कल की फिकर
हर हाल में मुस्कुराती रहती हूं मैं
ज़िन्दगी काटनी नहीं जीनी है मुझको
इसलिए तो हर ग़म को गले लगाकर
बेपरवाह सी जीती हूं मैं
बेपरवाह सी हवा बनके बहती हूं मैं
संग संग जो मेरे बह चलें परवाह सबकी करती हूं मैं!!
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बहुत कोशिशें की हमने संभलने की मगर
ना जाने क्यूं तेरी आंखो की कशिश में उलझ गए
सुलझी सी थी ज़िन्दगी मेरी ना जाने क्यूं तुझसे उलझ गए-
इस थमी हुई ज़िन्दगी में सब कुछ
वीरान सा नजर आ रहा है
बस चंद सांसे है जो चल रही है
बाकी इंसान तरसता नजर आ रहा है— % &-
The scattering of that stinky fragrance even from our empty palms, in whose suffocation one has to die for life— % &
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माना कि अब सादगी का दौर नहीं
मगर सादगी के अलावा
खूबसूरती कहीं और नहीं
श्रृंगार तो वो है मेरा जिसे देख के
मै संवर जाती हूं
Simple रहना ही पसंद है मुझे
क्योंकि उसे मै सादगी में ही पसंद आती हूं
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Life is not easy but making it easy
Once again "oh ! life you have to hug now"
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