Tut kar bikhrna fir sanwrna..Naam hai zindagi Jo chala gaya bhitar se vo dusro ne diya tha Jo baki hai tum me.. makaam hai zindagi Jo khamosh rahe to paheli hai gar ro diye to dusro ke liye.. tamasha sareaam hai zindagi Jis dar per jaoge thak ker Laut aaoge khud per yakin Raha tabhi..Aaram hai zindagi 🤍
बेपरवाह सीअपनी ज़मीं अपना आसमां ढूंढ़ती हूं मै बुनती हूं कुछ सपने उनको ही जीती रहती हूं मैं ना बीते कल का ग़म ना आने वाले कल की फिकर हर हाल में मुस्कुराती रहती हूं मैं ज़िन्दगी काटनी नहीं जीनी है मुझको इसलिए तो हर ग़म को गले लगाकर बेपरवाह सी जीती हूं मैं बेपरवाह सी हवा बनके बहती हूं मैं संग संग जो मेरे बह चलें परवाह सबकी करती हूं मैं!!
माना कि अब सादगी का दौर नहीं मगर सादगी के अलावा खूबसूरती कहीं और नहीं श्रृंगार तो वो है मेरा जिसे देख के मै संवर जाती हूं Simple रहना ही पसंद है मुझे क्योंकि उसे मै सादगी में ही पसंद आती हूं — % &