Imaginary बातें... 10
कैप्शन में पढ़ें 👇-
"बेस्टसेलर"
"फ़रेब का सफ़र"
"बुद्ध होने का मन है"
"बाकी बातें-चार अधूरी बातें पार्ट 2",... read more
कुछ सवालों के जवाब
अंतराल के बाद आते हैं।
ताकि...
खामोशियों का वजूद बना रहे।-
हर आग को चाहिए एक हवा...
लेफ्ट से आये,
राइट से आये,
या आपके फूंक से आये...
इन हवाओं को भी पता है,
कि जला के कुछ भला ही होगा,
कुछ उससे ख़ुद को सेकेंगे...
कुछ उसमें भुट्टे पकाएंगे...
लकड़ियां लगा के उसे उकसायेंगे,
और राख होने तक,
उसके इर्द-गिर्द खेल खेलेंगे...
राख के ठंडे होने पर,
सब निकल लेंगे अपने रास्ते,
और रह जायेगी अकेली राख...
जो कहीं किसी जूठे बर्तन को,
धोने के लिए भी नहीं काम आएगी।-
कौन बदन से आगे देखे औरत को
सब की आँखें गिरवी हैं इस नगरी में
- हमीदा शाहीन-
मुझे लगा था वो लट को कान के पीछे छुपा लेगी ताकि मैं अच्छे से निहार सकूँ... लेकिन, उसने उसे उंगली में फंसा कर, गोल घुमा के अपने चेहरे पर रहने दिया... वो लट अब और बेशर्मी से उसके चेहरे पर झूल रहा था... और मैं वहीं ठहर गया।
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खामोशियाँ भी अधूरी,
हर बात भी अधूरी,
फिर दुआ में था क्या?
© Abhilekh
इस बार हाज़िर हूँ अपनी हिंदी नॉवेल के साथ
"चार अधूरी बातें"
कैप्शन में डिटेल मिलेंगे-
Mere safar mein ne raat hai na sahar hai..
Jahan susta leta hun wahin ek pahar hai..!
मेरे सफ़र में न रात है न सहर है...
जहां सुस्ता लेता हूँ वहीं एक पहर है...!
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!`!`! HaPpY FaThEr'S DaY !`!`!
रोम रोम शुक्रगुज़ार है .
रगों में बहता हर खून कर्ज़दार है ...!
Rom Rom Shukraguzaar Hai
Ragon Mein Behta Har Khoon Karzdaar Hai..!-