Abhilekh   (©Abhilekh)
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Joined 6 November 2016


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Joined 6 November 2016
16 MAY 2020 AT 6:40

Imaginary बातें... 10


कैप्शन में पढ़ें 👇

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21 MAR 2020 AT 16:20

कुछ सवालों के जवाब
अंतराल के बाद आते हैं।

ताकि...
खामोशियों का वजूद बना रहे।

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10 JAN 2020 AT 7:53

हर आग को चाहिए एक हवा...
लेफ्ट से आये,
राइट से आये,
या आपके फूंक से आये...
इन हवाओं को भी पता है,
कि जला के कुछ भला ही होगा,
कुछ उससे ख़ुद को सेकेंगे...
कुछ उसमें भुट्टे पकाएंगे...
लकड़ियां लगा के उसे उकसायेंगे,
और राख होने तक,
उसके इर्द-गिर्द खेल खेलेंगे...
राख के ठंडे होने पर,
सब निकल लेंगे अपने रास्ते,
और रह जायेगी अकेली राख...
जो कहीं किसी जूठे बर्तन को,
धोने के लिए भी नहीं काम आएगी।

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7 DEC 2019 AT 8:08

उस एक मंज़िल की तलाश में हूँ,
जहाँ से कोई कारवां शुरू होता हो...!

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2 NOV 2019 AT 19:39

कुछ अधूरी बातें..



कैप्शन में पढ़ें 👇

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8 MAR 2019 AT 23:03

कौन बदन से आगे देखे औरत को
सब की आँखें गिरवी हैं इस नगरी में

- हमीदा शाहीन

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14 MAR 2018 AT 11:08

मुझे लगा था वो लट को कान के पीछे छुपा लेगी ताकि मैं अच्छे से निहार सकूँ... लेकिन, उसने उसे उंगली में फंसा कर, गोल घुमा के अपने चेहरे पर रहने दिया... वो लट अब और बेशर्मी से उसके चेहरे पर झूल रहा था... और मैं वहीं ठहर गया।

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31 JAN 2018 AT 20:11

खामोशियाँ भी अधूरी,
हर बात भी अधूरी,

फिर दुआ में था क्या?
© Abhilekh










इस बार हाज़िर हूँ अपनी हिंदी नॉवेल के साथ
"चार अधूरी बातें"
कैप्शन में डिटेल मिलेंगे

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12 AUG 2017 AT 19:23

Mere safar mein ne raat hai na sahar hai..
Jahan susta leta hun wahin ek pahar hai..!

मेरे सफ़र में न रात है न सहर है...
जहां सुस्ता लेता हूँ वहीं एक पहर है...!

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16 JUN 2017 AT 7:51

!`!`! HaPpY FaThEr'S DaY !`!`!


रोम रोम शुक्रगुज़ार है .
रगों में बहता हर खून कर्ज़दार है ...!

Rom Rom Shukraguzaar Hai
Ragon Mein Behta Har Khoon Karzdaar Hai..!

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