इस जिंदगी के सफर का मंजर युँ बाकी है I ना चलना का सहारा बाकी है II लगता है बेड़िया पिघलने लगी है कयू शै बेह रहा है I कयू अब हवा सुनाई देने लगी है शायद अब रूकना नही यहाँ अब मंजिल की और बड़ना बाकी है II
लोक का भय मिथ्या है। कर्तव्य का निर्णय बाहर देखकर नहीं किया जाता। तुम्हारा निर्णायक तुम्हारे भीतर है। कौन क्या कहता है, कहने दो। तुम्हारा अंतर्यामी क्या कहता है, वही मुख्य वस्तु है।
Saying I love uh is not a very big issue ...n this doesn't indicate we r characterless or bad person .......it is just that we respect the care of person...n appreciate them😇