पीठ पीछे ही बुरा कहा था सामने हिम्मत ना हुई
फिर भी ऐसे लोगो की हमने जीत की दुहाई की ।
ना पता खुद का था,ना पता मंजिल का
रास्तों को किया था परेशान,रास्तों ने भी बुराई की ।
जब बैठा खुद के पास तो खुद से दोस्ती हुई
बहुत सर चढ़ाया था दुनिया को,अब लड़ाई की ।
किताबो ने तो साथ कुछ इस तरह निभाया
जाग रात हमने लफ्जो की बडी कमाई की ।-
जिंदगी की चहलकदमी का जब रीति - रिवाज टूट जाए,
भाग्य का लिखा जब हाथों से न फूट पाए,
जब घेर ले प्रचुर बाधाएं , जब सपने अपनी उड़ान पर आए,
जब हौसले नाकामियों के डर से झुक जाए,
जब कदम चलते चलते रुक जाए ,
हर मौसम बेगाना हो जाए,
ऋतुओं का भी रिश्ता पुराना लगने लग जाए ,
तब तुम ही मेरा साथ देना - वो मेरी किताब!
वो मेरी किताब! वो मेरी हमसफ़र।।-
A mini story...
सब मस्ती में मग्न थे
मेरा मन पढ़ने का कर रहा था
किताब खोल कर पढना शुरू किया
पर कुछ समझ नहीं आ रहा था
एक ही लाईन को बीस बार पढने के बाद भी दिमाग में कुछ भी घुस नहीं रहा था
फिर दिमाग पता नहीं कहांँ चला गया
अचानक से दोस्तों ने पुकारा अरे कहाँ गुम है...प्यार हो गया है.......
मैं कुछ देर चुप थी... क्या जवाब दु... ऐसा इन लोगों ने पुछा क्यों है....
चुप्पी तोड़ते हुए मैने जवाब दिया - हां...मेरी इस किताब से!
आज शायद मेरी किताब से तालमेल नहीं बन रहा था और ना ही वो नाराज थी मुझसे.....???
-📝Jyoti choudhary (monu)-
KEEP STUDYING KEEP GROWING 👍
I would prefer studying when I'm bored rather than talking with strangers or making friends..
Books doesn't give depression if you will make book your friend, instead of wasting your time..
Try to learn something new !!-
available रहो तो value कम, नही रहो तो शक ज्यादा,कभी ignore तो कभी झूठा blame सहना पड़ता है इसलिए कहता हूँ,किताबें पढ़ लो मस्त रहोगे,
इश्क में हर रोज परेशान रहना पडता है...!!😍🙌-
झूठ से बात बिगड़ेगी एक काम करो सच का इस्तेमाल करो।
परिणाम तुम्हारे अनुकूल हो अथवा न हो, आत्मसवाल करो।
विकट परिस्थितियों में किए गए निर्णय से ही एक व्यक्ति के
चरित्र का असली आँकलन होता हैं, इस बात पे ध्यान करो।
सवाल ज़वाब होते रहना चाहिए अपने ही आप से साथियों।
औरों को छोड़ो मेरे दोस्त आप अक्सर स्वयं का विवेचन करो।
झूठ एक सहज मार्ग है "का पुरुष" ही चुना करते हैं बारहा।
तुम युगपुरुष हो सत्य सा कठिन व टिकाऊ मार्ग चयन करो।
झूठ और सच के बीच में न पड़कर अपने दिल की सुना करों।
जो जैसा होता है वैसा ही निर्णय लिया करता है, याद करो।
झूठ बेइमानी का मूलभूत आधार होता हैं और भ्रष्ट कर देता है।
आप अपनी नैतिकता को चुनो और एक ज़िम्मेदार नागरिक बनो।
झूठ से नाता तोड़ो और मिलकर प्रगति का रास्ता खोलो "अभि"।
बाहरी क्षणिक युद्ध को छोड़कर अपने अंदर के शैतान से लड़ा करो।-
वो जानते हैं अब लिख नही सकती मै,
उसने मुझे लिखा हैं यूं।
उसने कहा है प्यार से लिखी किताब हूं,
उसने मुझे पढ़ा हैं यूं।-
लगता हैं ख़ुदा का कोई नेक इरादा है,
तभी तो आजकल लोगों से दोस्ती कम,
किताबों से ज्यादा हैं।।-