ये वफ़ा ही थी मेरी कि तू ही है दिल में,
नहीं तो तू लाइन में होता.....-
मैंने कोशिश बहुत की कि अपना रिश्ता सम्हल जाये,
तेरी हर एक मज़बूरी मेरा दिल समझ जाये,
तुझे मंजूर नहीं थी ये कोशिश हमारी,
तूने चाहा ही नहीं कि तेरे आँसू मेरी आँखों से निकल जाये..-
उडता वो नहीं जो उड़ना चाहता हैं ।
बल्कि उड़ता तो वो है जो उड़ने की कोशिशें करता है ।-
घाव तो बहुत गहरे थे मेरे दिल पर,
नमक की दवा दे उन्हें भर लिया मैंने,
कुरेद न दे उन्हें फिर से कोई,
नफ़रत के धागों से इसे सिल लिया मैंने..-
प्यार सिखाकर वो मुझे छोड़ गया।
सारे रिश्ते तोड़ यूँ मुँह मोड़ गया ,
जा अब तु जी ले अपनी जिंदगी ,
तुझे भी याद रहेगा किसी ने तुमसे क्या खूब प्यार किया कि तेरी खातिर खुद को ही बर्बाद किया ।
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मोहोब्बत ही निभाना होती किसी को
तो एक से ही निभा लेते,
एक को खोने के बाद,
किसी और की तलाश में क्यों जाते..-
लोग बहुत जल्दी बदलते है...
आज आपको मानते है....और
कल आपको जानते भी नहीं।।-
सफर जिंदगी का जरा छोटा था उनके साथ
पर वो शख्स अब याद सा हो गया पुरी जिंदगी के लिए।।-
इश्क़ की दुनिया का कुछ ऐसा ही फसाना हुआ करता है
कभी लेला तो कभी मजनू दीवाना हुआ करता है-
My love for writing started with blogging so it feels good to walk back there and open that door it feels good to find those old words
- notyet100-