कसैले घूंटों सी ज़िंदगी।
.... तुम्हें नही पसंद आई न?
कड़वी ...कसैली...
ये ब्लैक कॉफी,
पर जानते हो...
मुझे लगता है ये ज़िन्दगी भी
इसके जैसी ही है।
...और अगर आप इसके कड़वे घूंटों को
उतार कर भी मुस्कुरा सकते हो
तो यकीन मानो ...
कभी हताश न होगे
कभी हारोगे नहीं ...
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