कुछ बातें,कुछ यादें,कुछ ज़ख्म, कभी भूलाए नहीं जाते हैं ... -
कुछ बातें,कुछ यादें,कुछ ज़ख्म, कभी भूलाए नहीं जाते हैं ...
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काफ़ी इत्तेफाक भरी जिंदगी है मेरी ... -
काफ़ी इत्तेफाक भरी जिंदगी है मेरी ...
कभी फुर्सत में बताएंगे तुम्हारे गलतियों को,पर अर्ज़ ये भी है ख़ुदा से कि कभी फुर्सत न मिले। -
कभी फुर्सत में बताएंगे तुम्हारे गलतियों को,पर अर्ज़ ये भी है ख़ुदा से कि कभी फुर्सत न मिले।
किस्से कई थे उनके; पर किरदार एक था,आशिक कई थे उनके; पर बाजार एक था, बिकना तो हम भी चाहते थे उनके महफिलों में,बिकना तो हम भी चाहते थे उनके महफिलों में, पर कमबख्त महफिल भी एक था। -
किस्से कई थे उनके; पर किरदार एक था,आशिक कई थे उनके; पर बाजार एक था, बिकना तो हम भी चाहते थे उनके महफिलों में,बिकना तो हम भी चाहते थे उनके महफिलों में, पर कमबख्त महफिल भी एक था।
नाजायज़ कहलाते हैं वो रिश्ते जिनमें इज्ज़त और कदर नहीं मिलती है। -
नाजायज़ कहलाते हैं वो रिश्ते जिनमें इज्ज़त और कदर नहीं मिलती है।
परिस्थिति इंसान को मजबूर और मजबूत दोनों ही बना देती है । -
परिस्थिति इंसान को मजबूर और मजबूत दोनों ही बना देती है ।
लाखों होंगे आशिक तेरे ,पर कोई एक ही सच्चा होगा ।चलो ढूंढ कर दिखा दो कोई ,जो हमसे अच्छा होगा । -
लाखों होंगे आशिक तेरे ,पर कोई एक ही सच्चा होगा ।चलो ढूंढ कर दिखा दो कोई ,जो हमसे अच्छा होगा ।
ऐसा ही हूँ मैं ,समझने वाले समझ जाएँ ,और सम्भालने वाले सम्भाल जाएँ | -
ऐसा ही हूँ मैं ,समझने वाले समझ जाएँ ,और सम्भालने वाले सम्भाल जाएँ |
घमंड और अकड़ वही दिखाना जहा लोग तुम्हारी असलियत से वाकिफ़ ना हों । -
घमंड और अकड़ वही दिखाना जहा लोग तुम्हारी असलियत से वाकिफ़ ना हों ।
कभी रिश्तेदार की कितनी करनी हो ना तो घर में एक उत्सव रखवा दो ...फिर तुम रिश्तेदार क्या गिनती तक भूल जाओगे। -
कभी रिश्तेदार की कितनी करनी हो ना तो घर में एक उत्सव रखवा दो ...फिर तुम रिश्तेदार क्या गिनती तक भूल जाओगे।