मेरे दिल की धड़कनों में सजाया है तुम्हें मेरी सांसों ने अपना बनाया है तुम्हें रूह में तेरी तस्वीर को बनाया है मैंने मेरे हर लफ्ज़ में रुके हो तुम मेरी यादों में बसे हो तुम
Mirror I cleaned the dust from the mirror I wanted to be seen, seeing clearer I am using my words my imagination Yes, now I am getting better Though the wounds are still healing But I know somewhere I am there Now my days are getting brighter Nights are getting calmer I know it took some time But hey, I was always a warrior I am rising like a phoenix Burnt down and made from ashes...
अपनी पहचान तक मिटा दी मैंने उसकी चाहत के लिए उसके हर गम को अपना बना लिया उसकी चाहत के लिए अपना जहां छोड़ दिया मैने उसकी चाहत के लिए मेरा हर अपना खो दिया मैने उसकी चाहत के लिए कौन मांगेगा उनसे मेरा हिसाब उन्हें भी पता है ये क्या खो चुके हैं अब हम उसकी चाहत के लिए
अब क्यूं मेरी परछाइयों का पीछा करते हो हर ज़र्रे ज़र्रे में क्यूं मुझे ही ढूंढते हो शीशे के तरह तोड़ दिया है तुमने मुझे बिखरे हुए टुकड़ों में अपने आप को क्यूं खोजते हो
मियां गालिब के शेर सी गहराई है उसकी नज़रों में लेकिन न जाने ये चेहरा क्या गम छिपा जाता है हां माना मैने के खुश तो बहुत दिखते हैं वो मगर इस मुस्कान में घुली सी वो कसक क्या है के दिल में कुछ और चेहरे पर कुछ और ये तेरी दोहरी सी शख़्सियत क्या है ज़माने से दोस्ती कर तो बैठे हो तुम पर जिसे ढूंढ रहे हो उनमें वो यार कहां है