ना सुनी मेरी ना अपनी सुनाई, ना मैं समझ सकी ना उनके समझ में आई फिर भी ना जाने कौन सी...... बात लिखने की बात करते हो तुम
ना दर्द तुम्हें मेरे दर्द से है ना तुम्हें एहसास मेरे दर्द का है, ना मेरे ख़्यालों से रूबरू हो फिर भी ना जाने कौन से..... ज़ज़्बात की बात करते हो तुम
ना वक़्त उनके पास बात करने का, ना उनके पास वक़्त मुझे देने का फिर भी ना जाने कौन सी....मोहब्बत की बात करते हो तुम
मैं तन्हा हूं: तन्हाइयों में अकेली रहती हूं, मेरी रुसवाईयों की ख़बर नहीं उन्हें, मेरे होने ना होने का एहसास नहीं जाने कौन से......हालात की बात करते हो तुम
ये आंखें मेरी ख़्वाब सजाती है उनके लिए, मेरी धड़कन तो हाल ए दिल बताती है तुम्हें, तुमने कौन सी मेरी धड़कन सुनी जो.....ख्यालातों की बात करते हो तुम
मैं किसी और की हो जाऊं, हमेशा यही फ़रियाद करते हो तुम, तुम्हें कब मैं अपनी लगी हूं जो......अपनाने की बात करोगे तुम
मैं समझू उन्हें, वो हर वक़्त ये बात करते है, कभी मुझे समझने की कोशिश करो तुम, तड़पना क्या होता है तुम्हें क्या मालूम जो .....समझने की बात करते हो तुम
-Neha
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जब खुद को तोड़ने की सोच रही थी मैं
जब खुद को खुद से दूर कर रही थी मैं
जब तुम्हारे पास आने को तरस रही थी मैं
जब तकिए पर सर रख कर सोने की कोशिश कर रही थी मैं
जब तुम्हारे गोद में सोने के ख़ूबसूरत ख़्वाब सज़ा रही थी मैं
जब खुद में तुमको पा रही थी मैं
जब आधी रात को अकेला महसूस कर रही थी मैं
जब गिरते अश्रुओं को रोकने का प्रयास कर रही थी मैं
जब तकिए से लिपटी हुई सिसक सिसक के रो रही थी मैं
जब अपनी सूजी आंखों को सबसे छुपा रही थी मैं
जब अपनी हर गलती पर खुद को सज़ा देना चाह रही थी मैं
जब ख़ुद से ही बहुत शिकायतें किए जा रही थी मैं
जब ना चाहते हुए ख़ुद को तेरे लिए तड़पा रही थी मैं
जब खुद में तुम्हारे स्पर्श को एहसास कर रही थी मैं
जब कुछ पल बिताने के लिए तेरा साथ चाह रही थी मैं
जब मिलने के लिए तुम्हें आवाज़ लगा रही थी मैं
जब तुम्हारे आने की आस में तुम्हारा इंतज़ार किए जा रही थी मैं
जब हर चाहत को मुक़म्मल करना चाह रही थी मैं
जब तुम्हारे लिए दिल को झूठा दिलासा दिए जा रही थी मैं
जब तुमसे तुम्हारी शिकायत करने का मन बना रही थी मैं
जब ख़ुद को तुम्हारे लिए बदले जा रही थी मैं
जब ख़ुद में तुम्हारा अक्स पा रही थी मैं
जब ख़ुद को अंधेरों से उजालों कि तऱफ लाना चाह रही थी मैं
उस वक़्त मैंने खुद को बहुत समझाते हुए कहा: "मैं हूं ना तेरे साथ"
मैंने खुद को बहुत संभालते हुए कहा😊
-Neha
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The things with which we attach our happiness. When those same things cause us pain are to immensely painful, it hurts so much that it gets difficult to breathe.
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नारी तेरी क्या परिभाषा दू
तू ही तो जग की आशा है
तूने ही इस वीर धरती को
संसार के रूप में तराशा है
तेरे नाम अनेक, स्वरूप अनेक
कभी बेटी तो कभी माँ बनके
तुम रिश्तों को आगे बढ़ाती हो
यह तुम्हारी शक्ति, यह प्रेम है तुम्हारा
ईंट पत्थर की चार दीवारी को
तुम घर बनाकर महकाती हो
नारी, तुम ही तो हो जग में
जो आदमी को इंसान बनाती हो
-Neha
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Uppar uthne k bjaay.. Khud ko andar se Gehra bnao...
Qki..
Nadi bhi unche pahado ko chhodkar... Samundar ki gehraai mei mil jaati hai
😊😊😊😊😊-
बादल ने छिपा लिया
सुर्य को अपने आगोश में
मगर रोक ना पाया
उसकी रोशन किरणों को
रूकावटे हज़ारो होंगी
ज़िन्दगी के सफर में
मगर बुलंद होसलो की उड़ान
कभी रूकने ना देगी कदमो को
यू तो रोज़ कितने अरमान टूट जाते है
मगर पूरा वही करते है जो रूकवटों
को दूर करने का साहस रखते है
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👊BE_READY👊
No Doubt that Someday
Life will hit you harder,
So be ready..!!
But No Doubt Life will
also give you chance for
payback..!!
So be ready..😈
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हमारी हार के बाद भी,
हमारा मुस्कुराता चेहरा किसी की भी जीत की महफ़िल को बरबाद करने के लिए काफी है।-