बस्ती जल गयी और हाथ भी राख़ समेटते समेटते
कहता सर की छत को पैरों के नीचे नहीं रखूँगा-
दिल वो नगर नहीं कि फिर आबाद हो सके
पछताओगे सुनो हो ये बस्ती उजाड़ कर-
असर आपसे मिलने का...
कुछ यूंँ हुआ है जहन पर मेरे...
किसी और की तस्वीर...
अब चढ़ती नहीं तन-मन पर मेरे...-
اندھیرا کر کےمیرے دل کی بستی میں وہ شخص
اب کسی اور کے دل کا شہر روشن کر رہا ہو گا
Andhera kar ke mere dil ki basti me woh shakhash
ab kis or ke dil ka shahar roshan kar raha ho ga
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی-
Tum khush to mai khush
Tum udas to mai udas
Q ki muzme muzse jyada tum "basti" ho .-
जिंदगी गले लगा ले❤️
जिंदगी की उड़ान अपनी मिट्टी की पहचान
बस्ती शहर में दे रहा है सब को सम्मान
लोक उत्सव🙏
आपकी अपनी पहचान🙏💯-
शायरों की बस्ती में
क़दम रखा तो जाना ,
ग़मों की महफ़िल भी
कितने ख़ुशी से जमती है .....-
इस जहाँ मे अंधेरा तो नहीं मगर रौशनी भी
कुछ खास नहीं..
झूठो की बस्ती तो नहीं मगर सच के
बसेरे भी कुछ खास नहीं.-
ख़्वाहिश है यह मेरी की,एक ऐसी भी बस्ती हो...
जहां कीमत रोटी की,ज़हर से भी सस्ती ही..!-