बारिश की बूँद-बूँद से, नदी भरती हैं,
तपन धूप की इसे, फिर सुखा देती हैं,
आशा की किरण, जब मन में होती हैं,
मुश्किलें जीवन की, हौसला झुका देती हैं,
मौसम बदलता है, फिर बारिशें होती हैं,
निराशा तभी, कोई आशा दिखा देती हैं,
और यही, ज़िन्दगी जीना सिखा देती हैं।।
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