क्या देखना था,
और क्या दिखा है
क्या चाहते थे,
और क्या हो रहा है
मुस्कान चेहरे पे
और दिल रो रहा है
थामना था हाथ उसको
थाम गमों ने लिया है
एक साफ सीसे-सा
अब तो हर ख्वाब टूटने लगा है...
जाने क्या-किसे खबर है
इस रिश्ते का है क्या अंजाम
मिलना भी हुआ न अबतक
फिर क्यूँ जुदाई इस शाम
लगता है बदल गए वो अरमान
एक जान थे कभी-आज हुए अनजान
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