माफ़ करना लेकिन ये विदेश कि संस्कृति नही
हम लोगो कि मन्सिकता है
जिस दीन ये सुधर गई
तब किसी देश ओर समाज को दोश नही देन पड़ेगा-
जहां एक तरफ हॉलीवुड वाले...
अंतिरक्ष में नए -नए जीवों से सामना करके पृथ्वी को कई विकट संकटो से बचा रहें है..
तो वहीं ये हमारे बॉलीवुड वाले आज भी प्यार में धोखा, सेक्स, किडनैपिंग, स्वैपिंग, अंग प्रदर्शन,इज्ज़त लूटने जैसी अश्लील समस्यओं में ही जूझ रहे हैं...-
मै इतना अश्लील हूँ
जितना तू सोच नही सकती
मै इतना शरीफ हूँ
जितना तू कभी हो नही सकती-
विदेशी संस्कृति अपनाने से हमारे देश के लोगो में।
जुर्म,अश्लीलता,बतमीजी व् भेदभाव आदि बढ़ रहा हे।।-
बाते प्यार की करने वाला,फैला रहा था मलीनता
लड़के लड़कियों मे भेद बता भुला रहा था एकता
बच्चे की तरह पाक दिल, क्यों बन बैठा फरेबी
के नाम पर अहसासों के जगा रहा था अश्लिलता ....-
यदि शिक्षित समाज होने का मतलब अधनग्नता एवं अश्लीलता फैलाना होता है ,
तो मुझे गर्व है अपने अशिक्षित समाज पर जो चरित्रवान एवं मर्यादावान थे ,
हमारा अशिक्षित समाज अपनी मर्यादा और रिश्तों की गरिमा बखूबी जानती थी ,
आज की शिक्षित समाज की तरह अपना अंगप्रदर्शन और रिश्तों की गरिमा को तार - तार नही करती थी।।।-