तेरे बाद ना जाने हम किधर गये,
तेरे साये से जो बिछड़े तो बिखर गये।
कोशिशें बहुत कीं साथ चलने की,
उस रोज़ हाथों से छूटे तो मर गये।
इश्क की बात पर तू फिर याद आया,
फिर एक बार हम कहने से मुकर गये।
मंज़िल भी अब सबब माँग रही जुदाई का,
कहाँ वो राहगुज़र कहाँ वो रहबर गये।
#बनारसवाली
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नशा हुआ नही साकी पूछ बैठा पिया कितना है
ऐ इश्क,बता अब तक मैने तुझे जिया कितना है।
वो जो हिसाब रखती है मेरी हर साँस का, मेरी
हर साँस ने उस नवाक़िफ का नाम लिया कितना है।
मैं मर भी जाउँ तो क्या परवाह उसको,मैं
जानता हूँ उसने मुझसे इश्क किया कितना है।
ये दर्द ही तो हिस्सा है मिरे हयात का,ऐ इश्क
बता इसके सिवा और किसने साथ दिया कितना है।
#बनारसवाली
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वो ज़िद्दी,अड़ियल,चंचल सा मन चाहिए,
मुझे फिर एक बार बचपन चाहिए।
वो गिरता,सम्भलता,फिर चलता
धूमिल सा तन चाहिए,
पल में रोता,पल में हँसता
नादान जीवन चाहिए,
मुझे फिर एक बार बचपन चाहिए।
वो आँगन,खिलौने,माँ के
आँचल की सुखन चाहिए,
मिरा आसमान,मिरे परिन्दे
मिरे झील का दर्पण चाहिए,
मुझे फिर एक बार बचपन चाहिए।
#बनारसवाली
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याद है तेरा सुर्ख होठों को दाँतों से दबाना,
और बताना तेरी रज़ा क्या है।
जो तू ही नही जीने में जान-ए-जहाँ,
बता इस जीने में अब मज़ा क्या है।।
मैं डरता नही बेशक ज़िन्दानों से,
तेरी दूरी से बड़ी मेरी सज़ा क्या है।
जो तू ही नही जीने में जान-ए-जहाँ,
बता इस जीने में अब मज़ा क्या है।।
तुझसे ही तो गुलज़ार था नशेमन मेरा,
बिन तेरे ये हवा,ये रवाँ,ये फज़ा क्या है।
जो तू ही नही जीने में जान-ए-जहाँं
बता इस जीने में अब मज़ा क्या है।।
#बनारसवाली
-©Anjali(anju)
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ना गिला शिकवा किसी से
बस खुद से ही शिकायत है
नहीं मांगती दुआ मे किसी और को
अब तो बस खुद से ही इनायत है
आसानी से ना समझ आऊँगी आपको
आपके समझ से परे मेरी शख्सियत है
नहीं पड़ती लड़ाई झगड़ों मे अब
क्यूंकि यहाँ तो मेरे अंदर ही सियासत है
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देखो कोई वैहशी हम जिस्म के भूखे नहीं हैं।
तुमसे कोई बटन हमें खुलवाने नहीं लगवाने है।।-
Ujalon ko jakar kr
Andheron ne ghar basaya hai,,
Dushmano se kya shikayat krun
Mujhe to apno ne hi thukraya hai!!-
" अर्ज किया है "
गर aapka दिल par मेरे ekhtiyar ना hota,
To मेरे Dil को aap पर यूं Aitbar ना hota ,
कहां dhadakta है dil हर kisi के aane se,
Gar आपका ishq इतना asardar ना hota,-