मोहब्बत तो होनी ही थी उन्हें हमसे,
जनाब हमारे अल्फाजों को समझने की
जुर्रत करने लगे थे !-
अल्फाज चाहे जो कुछ भी हो,,मोहब्बत तेरी हो,
और तू सिर्फ मेरा............❤-
प्यार करते हैं तुमसे, नुमाइश क्या करें।
खुश हो हमारे बगैर, तो पाने की ख्वाहिश क्या करें!
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बड़े खुशनसीब हैं वो दर्द,
जिन्हें आवाज़ भी मिल जाती है,
और सुन भी लिए जाते हैं,
दर्द, जिन्हें न तो जुबान मिलती है,
और न ही कोई कान मिलता है,.
थोड़ी और मोहब्बत के हक़दार हैं।-
कश्ती हैं पुरानी मगर दरिया बदल गया
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया.!
ना शक्ल बदली, ना ही बदला मेरा किरदार
बस लोगों के देखने का नज़रिया बदल गया!!-
इस बात का तुम्हें एहसास होता, तो अच्छा होता,
तुम ख़ास थे मेरे लिए, मै भी खास होता, तो अच्छा होता।-
अनकहे शब्दों से औऱ ख़ामोशी से थक जाती हु मैं
पता नही चुप रहना ये समझदारी हैं या बेवकूफी हैं-
तुम हो बारिश,
और मै अगस्त का दिन...
तुम्हारा जरा सा होना भी,
मुझे सुकून देता है!-
कहीं दूर भाग जाऊँ, मन करता है,
कहाँ जाएगा? दिल पूछता है।
कभी कभी सब सुलझा सा लगता है, तो कभी,
कुछ भी नहीं सूझता है!-