स्वाधीनता संग्राम के अमर महानायक, अरण्य संस्कृति और जनजातीय अस्मिता के उन्नायक, मातृभूमि और 'जल-जंगल-जमीन' की रक्षा हेतु संघर्ष की सीख देने वाले महान क्रांतिवीर 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उनके साहस, समर्पण, पराक्रम, धैर्य और राष्ट्र के लिए उनके प्रेम और दृढ़निश्चयी को मेरा कोटि-कोटि नमन!
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DID YOU KNOW ?
30 June is Celebrated as
SANTHAL REBELION DAY
(संथाली हुल दिवस🏹)
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"बागी हूं मगर सच्चा हूं, इसीलिए शायद जिंदा हूं...
इमारतों के बीच, जंगलों के साये में
"बिरसा " का अनुयायी हूँ , हाँ में वही आदिवासी हूं ...
हाँ मैं वही आदिवासी हूँ..
W🅸🆂🅷🅸🅽🅶 🆈E🆆 🅰🅻🅻
🅰 V🅴🆁🆈 H🅰🅿🅿🆈
" WORLD TRIBAL DAY "-
जल जंगल जो अपना माने
वह आदिवासी कहलाएं,
जो अपने जीवन शैली,
कला, वेशभुषा, संस्कृति
को बचाएं रखें,
वह आदिवासी कहलाएं।
गर्व है हमे की हम आदिवासी हैं।
सभी आदिवासी भाई बहनों को
विश्व आदवासी दिवस की शुभकामनाएं।
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संपूर्ण भारतवर्ष को गाय गोहरी के अद्वितीय त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं।
यह भील समाज का अपनी नवीन फसलोंत्पादन, पशुओं और प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध, उनके प्रति समर्पण, साहस, धैर्य, दृढ़निश्चय, अटूट विश्वास और अपने पूर्वजों के प्रति निरंतरता के साथ अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक है।-
आदिवासी की एक अलग पहचान है
इनकी संस्कृति ही इनका धर्म है
जल जंगल जमीन को बचाना ही इनका कर्म है
क्योंकि इनके भगवान ही प्रकृति है।
जय जोहार जय सेवा जय बूढ़ादेव।-
आवारा
कुछ सपने हैं जो सोने नहीं देते,
कुछ यादें हैं जो रोने नहीं देते।
कुछ भूल कर गया हूँ जो हरवक्त डराती है,
कुछ वादें कर चुका हूँ, जो हरवक्त याद आती है।
एक इश्क़ किया हूँ जो कि पूरा करना बाकी है,
एक अल्फ़ाज़ हूँ, जिसे शब्दों में उतारना बाकी है।
कुछ कमीने दोस्त हैं, जो जान से प्यारे हैं,
कुछ अपने हैं, लेकिन अनजाने हैं।
कुछ अपनी जिंदगी है, लेकिन बंजारा हूँ,
बस यही कारण है, की सबके नजरों में आवारा हूँ।-
Happy World Indigenous Peoples' Day
Honoring the resilience, cultures, and contributions of Indigenous communities worldwide. Wishing strength, unity, and pride to all Indigenous peoples today and always.-
मैं आजाद हूँ...
नीमच में जो आदिवासी की,
ह्त्या हुई है,
उसे देखकर आपको लगता है,
क्या में आजाद हूँ,
नेमावर की घटना,
जिमसें मानवता शर्मसार हुई है,
उसे देखकर क्या आपको लगता है,
कि मैं आजाद हूं,
लाखों आदिवासियों को जंगलों से बेदखल कर दिया गया
आज सड़कों पर उनका अस्तित्व खतरे में है,
क्या उन्हें देखकर आपको लगता है,
कि मैं आजाद हूं,
अपने हक के लिए,
सड़को पर उतरे,
कई आदिवासियों को झूठी धाराएं लगाकर,
जेलों में कोड़ दिया गया,
इन सब को देखकर क्या आपको लगता है ,
कि मैं आजाद हूं,-