"انکی حیا کے آگے ہم غالب_عکس؛
روز اپنی آن کا قتل کرواتے گیے"
'Unki Hayaa ke Aage Hum Galib e Aks;
Roz Apni Aan ka Qatal Karwaate gaye'-
कश्मीर जुड़ा, केरल जुड़ा,
बंगाल, राजस्थान जुड़ा,
कई दिलों से दिल जुड़े,
धर्म जुड़ा ईमान जुड़ा,
कुछ ऐसे सच से जुड़ जुड़ कर,
सच्चाई और ईमान बना,
तीनो रंगों में मिलकर फिर
ये मेरा हिन्दुस्तान बना।।
जय हिन्द।
(पूरी कविता कैप्शन में)-
बची रहे बस आन ओ अना मेरी,
भले ही ज़िंदगी हो फना मेरी,
मैं जानता हूँ , मैं कौन हूँ,
कहानी मुझे मत सुना मेरी।-
मेरी आन तू, मेरी शान तू
मेरे वजूद की पहचान तू
मै फकत एक जिस्म हूं
इस जिस्म का है जान तू
झुकने ना देंगे हम तुम्हे
खाते है तेरी, हम कसम
हम रहे या ना रहे कल
सदा रहेगा हिंदुस्तान तू-
अपने पापा की शान हूँ...
अपने भाई की आन हुँ....
और अपनी जान की जान हुँ...
तो खुद पर गुरुर क्यों ना करूँ....!!-
hum bharat ki mitti per paida hue
hum bharatwasi kahlate hai
hame garw hai is mitti per hum
is per balihari jate hai-
हर दर्द को अपना कर,
गणतंत्र भारत कहला लिया
तिरंगे को फहरा कर,
मिठाईयां, फुल, तिरंगा, खिलोनों से
मेले को सजवा लिया
दिल में नई उम्मीद लें,
भारत मॉं की जय
भारत मॉं की जय
पुकार लिया।— % &-