आग मोहल्ले में लगी है,
सबको मिलके बुझानी होगी।
किसी एक का घर होता तो,
शायद वो जलने भी देते।-
BHAI : Mai kitna handsome hu yaar!
ME : Bhaisaab rukiye , चंद minto me aapki galat fehmi dur ki jaaye ?
BHAI : Kaise karegi dhokli ?
ME : Maa, zara is पपीते ka ADHAAR CARD laao to ! Inki sundarta ka pradarshan karwaya jayega yaha!
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बस्ती जल गयी और हाथ भी राख़ समेटते समेटते
कहता सर की छत को पैरों के नीचे नहीं रखूँगा-
ये कैसी धोखेबाजी है तुम्हारी?
नफ़रत की आग में जलती हुई भी, मैं हर रोज़ तुम्हें याद करती हूं।-
आग ज़मीं पर
लगती है तो
धुँआ
आसमां से
पानी कि मदद
तलब करता है
क्यों कि
धुँआ
जानता है
आग लगाने वाले
ज़मीं पर रहते है-
Nahi rok sakta tu mujhe ab
Leke apne sath chala toofan hu mai
Na zamane ki fikar mujhko
Na haarne ka dar raha
Ab bebaak hu mai
Qurbat ki tapish mehsoos krke
ban chuka ab aag hu mai-
जुदाई की आग में...
इस तरह झुलस गए...
जैसे टहनियों से टूटकर...
हरे पत्ते बिखर गए...-
अपने सुनहरे बालों में...
जब गजरा वो लगाती हैं...
ऐसा लगता है मानो...
पानी में आग लगाती हैं...-