अल्फाज उलझें हुए,जज़्बात बिखरे हुए,
हालात विलाप करते हुए, जिंदगी से कुछ
फरियाद करते हुए, दुष्काल मे बेवजह कोलहाल
करते हुए, हृदय क्षोभ से भरा, मन संकोच से भरा,
परित्राण कैसे करू, जीवन हैं कंटक से भरा, आघात
से कैसे बचू पथ हैं तुषार से भरा, अगाध जख्म लगे
अब इन्हे कैसे भरू, जिंदगी अब तू ही बता मैं तुझसे
कैसे जीतू.....
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