Missing Lifeline - Mourning gut instinct of a mother "Vatsalya".
Genre : Mystery.
(Please read the caption)-
कुछ इस तरह है रिश्ता तुझसे
मेरी मौत से पहले ना टूटेगी वास्ता तुझसे!!-
कुछ तो खास है तुम्हारी आवाज़ में
कानों तक पहुंचते ही शरीर में जान डाल देती है !!-
लाख कोशिश कर लो खुद को मुझसे दूर कर ना पाओगे
सांसों में बसी हूं तेरे,
जब तक खुदा ना चाहे अपने सांसों को खुद
से दूर ना कर पाओगे..-
हे खुदा एक बार उसे समझा दो
उसे पाने का हमें कोई शौक नहीं,
उसे जिसके साथ रहना, वो रहे
प्यार है उससे
उसकी खुशी में ही खुशी हमारी है
पर उसका हमसे यूं रूठे रहना
हमें बेगुनाह होते हुए भी गुनहगार बताना
हमसे नफ़रत करना
पल-पल हमें मौत के द्वार तक ले जाती है
पर मौत भी हमें ठूकरा देती है,
उसकी नफ़रत हमें जीने नहीं देती !!-
एक ही ख्वाइश है बस,
खुदा से एक ही दुआ है बस
हर सुबह सूरज की किरण जिस तरह आ जाती है
वैसे ही हर सुबह तुम्हारी आवाज़ भी मेरे कानों तक पहुंच जाए !!-
तुम्हें सोचकर मुस्कुराने लगी हूं
लगता है तेरी यादों से प्यार बेइंतेहा करने लगी हूं !!-
थक चुकी हूं तुम्हें मनाते-मनाते
अब बस इतना रहम कर देना
पूरी जिंदगी मुझसे रूठ कर मत रहना
मेरे अंतिम सांस लेने से पहले एक बार बात जरूर करना !!-
শুভ জন্মদিন মহানায়ক
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অনেক 'চাওয়া পাওয়ার' মাঝে যখন
'বন পলাশের পদাবলী' 'হারানো সুরে' পড়ে যাই,
তুমি 'নায়ক' হয়ে দেখা দাও জীবনে।
আজ তিরানব্বই বছর পার
কোনো 'ছদ্মবেশী' সাজে জন্মদিনে নিশ্চয়,
সবাই খুশি তোমার বরণে।
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