गुस्से में हमें topper बुलाना ये तो
Teacher का रोज का काम था।
पर उसको अलग way मे सोचना।
कि दिन में एक बारी जीभ पर भगवान का आना।
और topper बनने का सपना सजाना।
ये तो हमारा ही काम था 🙃🙃🙃🙃-
तालीम मिले हज़ार,
ज़िन्दगी को बनाने गुलज़ार ।
लेकिन आप जैसी ,
न हासिल हुई कहीं ।
आपकी अमिरी मुस्कान,
मोहतरमा, आपका ये गहना ।
जाने कितनों को, करता हैरान।
Love you mam
--Anuradha Sharma
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Part1
जब बच्चे होंते हैं सब बैठे
तब खड़ा होकर पढ़ाता हूं
श्यामपट्ट पर श्वेत शिला से
कभी लिखकर पाठ पढ़ाता हूं
बच्चों को जल्दी याद हो जाएं
इसलिए कविता गाकर सुनाता हूं
यूं ही नहीं मैं टीचर बन जाता हूं।
बच्चे स्कूल गर देर से आवैं
तो उनकी डांट लगाता हूं
इसलिए स्वयं समय पर पहुंचने
की पूरी कोशिश करता हूं
चाहे आए आंधी बारिश
या देर से खुले आंख
यदि न हो नाश्ता तैयार
तो भी समय पर पहुंचता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
जब आता है तेज़ बुखार
या आए सर्दी जुकाम
तब भी पढ़ाने आता हूं
जब होता है सर दर्द बहुत
आज नहीं पढ़ाऊंगा कहते कहते
पूरी अवधि पढ़ाता हूं
यूं हीं नहीं मैं टीचर बन जाता हूं।-
Part 2 आज के फैशन के दौर में
मैं साधारण कपड़े पहनता हूं।
बच्चे सादगी को समझें
इसलिए सदा जीवन जीता हूं
बच्चे को समझ में आ जाए
इसलिए मजाक भी बनवाता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
कुछ गलत दिशा पर भटक चले
बच्चे सादगी का मजाक बनाते हैं
तो क्या हुआ जब उनके साथी
अपने शिक्षक का सम्मान करते हैं
अपने शिक्षक से पढ़ना चाहते हैं
बस यही सोचकर मैं पढ़ाता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
हां गलत दिशा में भटके हुए
बच्चों की डांट लगाता हूं
अगर शैतानी ज्यादा करें तो
पिटाई भी कर देता हूं
ऐसा उनके भले के लिए ही करता हूं
लेकिन बाद में बहुत पछताता हूं
गर कट जाता स्कूल से नाम
प्रधान के पास मैं ही जाता हूं
नाम न काटने की विनती करता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
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Part 3
जब होते हैं बच्चों के एग्जाम
तो उनकी चिंता मेरी भी होती है
गर आते हैं अच्छे मार्क्स
तो तारीफ़ बच्चे की करता हूं
कम नंबर आने का दोष जब
मुझ पर लगाया जाता है
तो हलाहल कि तरह
ये घुंट भी पी लेता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
शिक्षक दिवस पर बच्चों से
तोहफ़े की उम्मीद तो करता हूं
पर जब 5 रुपए के pen से लिखने वाला
बालक 20 रूपए का pen देता है
अपने शिक्षक के सम्मान में पत्र
रात को जागकर बनाता है
तो में उसकी भावना का सम्मान करता हूं
उसका ये सम्मान पत्र महीनों पास रखता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
जब वर्षों बाद वो मुझे मिलने आता है
कैसे हो तुम, मैं उससे यही पूछता हूं
सदा आगे बढ़ते रहो ये आशीष देता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं
इतना कुछ करने के बदले में,
मैं सिर्फ गुरु दक्षिणा चाहता हूं
गुरु दक्षिण में कुछ धन और,
थोड़ा सा सम्मान चाहता हूं
नहीं दे सके तो भी क्या,
गुरु दक्षिणा के बिना भी
मैं शिक्षक बन जाता हूं।
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The good teachers that I encountered in life inspired me to become a good teacher sometime in life. Funny thing is the bad ones inspired me more.
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Teacher
जो students की खामी को ताकत और
खूबी को तराश दे अक्सर उस इंसान को गुरु कहते है !-
यारो जो मैं तुम्हें बताने लगा हूँ
बात ये काफी साल पुरानी है
हाथों पर सूजन लकड़ी की
सबकी ज़िंदगी की कहानी है
गुरूओं ने दिया रोशनी का रास्ता
बात ये ख़ुशबू सी फैलानी है
मैं जोड़-जोड़ के जो भी लिखूँ
हाँ मेरी शिक्षा की निशानी है
ना लौटेंगे दिन आख़िरी बैंच वाले
चाह दोस्तों संग क्लास बितानी है
लाख भूल जाए कोई बैग क्लास में
ना किसी की पेन्सिल-रबर चुरानी है
ये जो शायरियाँ तुम पढ़ते हो
मेरे इश्क़ गुरु की मेहरबानी है
आज ये कविता क़बूल कर लो
भले ये भी बेनाम की नादानी है-
Navodaya,,
ka wo hindi pakhwada,
Or humari shishodiya mam,,
House or class competition,
Nibandh,kavitaye or mam ka apnapan..
Bahut yaad aate hai,
Wo hostel ke din or,,
Humare sikshhakgan....
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