QUOTES ON #TAJ

#taj quotes

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"ख्याल पुराना सा"

मुझे तो वो पुराना वाला रिवाज भी अच्छा लगता है,
सर पे तुम्हारे दुप्पटा मुझे आज भी अच्छा लगता है।

छूना सारी ऊंचाइयां ,हुनर तो तुम भी लाजवाब रखती हो,
घर की लक्ष्मी बनी रहो तुम ,ये ताज भी अच्छा लगता है।

कहाँ मिलेगा दिन भर की थकान में प्यार तेरी खुशियों का,
तेरे हाथों की चाय से दिन का ,आगाज भी अच्छा लगता है।

कौन कहता है कम्बख्त लड़कियाँ आसमाँ नहीं छू सकती,
सुने हज़ारों की भीड़ तुम्हें ,वो आवाज भी अच्छा लगता है।

चहचहाना चिड़ियों सा बिन मौसम बरसात सा लगता है,
घर को खुश रखने का तेरा ,अंदाज़ भी अच्छा लगता है।

बेच कर रख दिया है इंसानियत इन धर्म के ठेकेदारों ने ,
तुम्हें पसंद हों श्री राम तो ,मुझे नमाज भी अच्छा लगता है।

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15 JUL 2020 AT 21:15

मोहब्बत-ए-मिसाल की हैं, ये दास्ता पुरानी
इतिहास सुना राहा हैं, इसकी दीवानगी ।।

पन्नों से क्या सुनते हो, ताज की ये अमर काहानी
मकबरा खुद गवाही दे राहा, मुमताज की जुबानी ।।

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24 JUL 2020 AT 13:08

लूट के दौलत किसी की...
ताज तो हम भी बनवा दें...
तू इश्क़ कर ले जो मरे से...
तो कबर अपनी खुदवा दें..!

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2 MAY 2020 AT 17:16

The epitome of love in form of
Taj Mahal always stand still as
beauty in the harsh conditions
of time and nature to guide the
lost couple from misery towards
love like a symbol of lamplight

-Sparsh Sharma
@wisdom_bouquet

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13 AUG 2019 AT 7:41

खूबसूरती तेरी ताजमहल से कम नहीं,
कुछ सोच कर ही अल्लाह ने तुम्हें बनाया होगा,
इसलिए प्यार तेरा मुमताज से कम नहीं ।।

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23 APR 2018 AT 22:43

LOVE is as beautiful and pure as TAJ ..!!!
...Never pollute it with an "ACID" ..!!!

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2 MAY 2020 AT 21:36

Hijab MUSLIM Ladkiyo ke 🧕
SAR ka TAJ 👑 Hota Hai......

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6 NOV 2018 AT 21:19

हजारों इश्क दफन है जिसमें
फना-ए-इश्क का अन्दाज़ है वो।।

कहीं हकीकत कहीं फसाना
कहीं ख्वाबों का साज है वो।।

कई दास्ताँ लिखीं हैं जिसने
उन दास्तानों का हमराज़ है वो।।

इश्क के नाम नायाब पैगाम
इश्क की पहचान ताज है वो।।



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5 NOV 2020 AT 11:35

Fark padta hai ji
Sath nibhane ka wada kr diya
Aur kismat ne shat nhi diya to 😭

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3 SEP 2020 AT 9:27

ऐ ताज महल,
इश्क़ की निशानी है तू,
या प्रेम की झूठी कहानी है तू।
शाहजहां की मेहरबानी है तू,
या राजाओं की कुर्बानी है तू।
'44000' हाथों की ज़ुबानी है तू,
या शिव की दास्ताँ पुरानी है तू।
मुमताज़ की कब्र पर फूल नूरानी है तू,
या नरेशों की मुखाग्नि है तू।
महज़ किसी मकबरे की गुमानी है तू,
या कुछ 'जयचंदों' की नादानी है तू।
सच कहूँ तो, भारतीय इतिहास के,
फ़टे हुए पन्नो का नमूना नूरानी है तू।
यमुना किनारे,इतिहास की विराम वाणी है तू।

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