क्या तेजस नाम की नई-निजी-सवारी-रेलगाड़ी की शुरुआत हुई है
जिसमें अर्द्धनग्न भारतीय युवतियाँ देह उघार करके प्रदर्शित हुई हैं
सरकारी संपत्ति के निजीकरण में विलय से मुझे कोई एतराज़ नही
भारतीय सभ्यता-संस्कृति के उलट ड्रेस कोड से मुझे एतराज़ सही-
For those, Who don't have any purpose in life.
So, find your purpose and enjoy the answers given by life-
निजी रेलगाड़ी तेजस की परिचारिकाएँ हो रही शिकार
रेलवे यात्रियों में नित्य उठते हैं भिन्न-भिन्न निज विकार
कुछ तो पश्चिमी-परिधानों का असर हो रहा है तत्परता
रेल के सवारी को आश्चर्य-होती वायुयान सी समरसता
न जानें किसकी गलती है यहाँ कोई तो बताओ-आओ
कहाँ गये वो लोग नारी के वस्त्र पहनने की कला वालों-
use Waqt Khushi to bahut Hoti Hai Jab Tu Paas hoti hai, per Hamari Kismat tu pass hokar bhi kahan Sath hoti hai, sab kuch hokar bhi , kuch Khoya Khoya Sa lagta hai Dil dhadakta Hai Par andar hi andar Roya Roya Sa lagta hai, Tere Chahat Mein Tujhe pane ka man karta hai, Tere Liye Chand Tare laane ka man karta hai, Mohabbat Itni shiddat Se Ki Hai Tujhse, ki Chand Ko Tare Se Alag karne se bhi man Darta Hai.
_ Rani_d
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जिक्र तेरे गुलाब का
जब भी करू ये हमदम,
महक उठे गली चौबारा
सजाती हो जब भी जुल्फों मे
लगे की सजा है गुलशन सारा।-
Peace is not always a place where is no noise or distribution.
Actually "Peace" is a state of mind where we accept all of the situations positively without any expectations working on and on happily, lovingly and not worrying about the results.-
जसदियों से इन्सान यह सुनता आया है
दुख की धूप के आगे सुख का साया है
हम को इन सस्ती ख़ुशियों का लोभ न दो
हम ने सोच समझ कर ग़म अपनाया है
झूठ तो कातिल ठहरा उसका क्या रोना
सच ने भी इन्सां का ख़ून बहाया है
पैदाइश के दिन से मौत की ज़द में हैं
इस मक़तल में कौन हमें ले आया है
अव्वल-अव्वल जिस दिल ने बरबाद किया
आख़िर-आख़िर वो दिल ही काम आया है
उतने दिन अहसान किया दीवानों पर
जितने दिन लोगों ने साथ निभाया है
- साहीर लुधयानवी.-
दुःख पहाड़ सा है
और सुख नदियों सी,
पहाड़ खड़ा रहता है
नदियाँ बहती रहती हैं।
दुःख स्मृतियों में फलते फूलते हैं
देवदार के समान,
और सुख प्रवाहित हो जाते हैं
जल की धारा सी।
यही प्रेम है और यही जीवन!!
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विश्व विजय के लिए तैयार हूँ।
मैं भारत वर्ष हूँ।
अग्निपंखों पर सवार हूँ।-