Pavan Shirure   (पवन)
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Joined 21 December 2018


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11 DEC 2024 AT 22:37

प्यार का एहसास
होता है इतना खास
फिकी लगती है हर बात
जूबां करने लगती है बकवास...

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11 DEC 2024 AT 22:29

जब तुम सामने न हो
तो उजालों में अंधेरे रोते है
चेहरे पर ना दिखाई देते हो
दिल के अंदर सन्नाटे होते है...

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27 NOV 2024 AT 22:13

निगाहों को निगाहों से मिलाते तो अच्छा होता
बेखौफ जुबां से सच बता पाते तो अच्छा होता।

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27 NOV 2024 AT 22:02

बहुत दूर का है सफर
मगर जाना जरूरी है।
जिंदगी की राहों पर
मुस्कुराना जरूरी है।

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30 AUG 2024 AT 18:51

वतन पर मर मिटने वाले कई हुवे है
मै वतन के लिए जिने वालों में से हूं।
दुश्मन को मिटाने वाले कई हुवे है
मैं दुश्मनी मिटाने वालों में से हू।

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10 AUG 2024 AT 8:44

हर पल मुस्कुराते रहो
अपनी उम्र बढाते रहो
जिंदगी की मुश्किलों को
थोडा थोडा हराते रहो।

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4 AUG 2024 AT 10:15

एक दोस्त का होना
है सांसो का चलते रहना
जिंदगी बदल जाना
खुशियों से सराबोर होना।

एक दोस्त का होना
है मुश्किलें को आसान बनाना
आसुओं के पानी से भी
हसीं का तडका लगाना।

एक दोस्त का होना
है सुदामा का कृष्ण बनना
उंच निच जात पात
का स्वयं स्वाहा हो जाना।

एक दोस्त का होना
है रातो को बातों से भरना
दिल की धडकन से
अहसासो को पैदा करना।
:-पवन




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1 AUG 2024 AT 8:59

सुंदर-तन आकर्षीत होता है
सुंदर-मन दुर्लक्षित रहता है
उसके दिल का धोखा है
या आंखो का छलावा है।

मन की आंखो से देखो तो
काला भी अतीसुंदर है
गहराई में जरा झांको तो
प्रभू उसके ही भितर है।

एक दिन रंग बदल जाता है
यौवण भी तो ढल जाता है
परख कर तू देख जरा
क्यों तन की इच्छा करता है।

मन के सिवां कुछ भी नही
सभी तो यही जल जाता है।
अमर वही कहलाता है
दिल में जो बस जाता है
होठों पर नाम उसीका
गीत उसीके गाता है।
: पवन

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1 AUG 2024 AT 7:54

पहिलं प्रेम...
पहिलं प्रेम केल होतं
मनातल्या तीच्या प्रतिमेवर
ती च दिसणं तीच हसण
तीच बोलणं तीच लाजणं
बस एवढंच मला माहीत होतं
त्यापलिकडच तीच असणं
हे मला जाणूण घ्यायचं नव्हतं
मी माझ्या जगात
ती तीच्या जगात
फक्त शाळेतच जगं जुळायची
अन ती मला स्वप्नातच कळायची

सकाळी आल्यावर रांगेत तीला शोधायचं
ती दिसली की बघून न बघितल्या सारखं करायचं
अधून मधून चोरूनलपून तीला बघत राहायचं
नजरानजर झालीच तर आतल्याआत झूरायचं
असेच दिवस गेले, शाळा संपली, बरीच वर्षे झाली

ती कुठे मी कुठे आत्ता काहीच पत्ता नसतो
रात्री मध्यरात्री मी असा कविता लिहित बसतो

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31 JUL 2024 AT 6:57

पहली बार तो नहीं है
परिक्षा पत्र का लिक होना
छात्रों का यूं डूब के मर जाना
फेल होने पर छत से कुद कर समाप्त होना
शिक्षा को धनकुबेरों के घरी की दासी बनाना
पहली बार तो नहीं है.....

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